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Holashtak 2025: कब से कब तक है होलाष्टक... इस दौरान क्या करें और क्या ना करें? विस्तार से जानिए

होली की मस्ती हवा में घुलने लगी है. अबीर-गुलाल की महक से फिजा महकने लगी है. ब्रज मंडल में तो वसंत पंचमी से रंग बरसे जारी है और काशी में भी इस बार होली खास होने वाली है. क्योंकि कृष्ण की नगरी में तैयार किया गया रंग काशी विश्वनाथ के लिए भेजा जा रहा है. वैसे काशी में मशाने की होली भी बड़ी फेमस है, जिसे साधु-संत और नागा संन्यासी खेलते हैं. होली से पहले आज से होलाष्टक भी शुरू हो गए हैं... दरअसल होली के 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं और इसका समापन होलिका दहन के साथ होता है. इस बार आज से यानी 7 मार्च से 13 मार्च तक होलाष्टक रहेगा. इस दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. होलाष्टक से जुड़ी तमाम मान्यताओं और परम्पराओं के बारे में हम आपको बताने वाले हैं. इसे भक्ति की शक्ति के प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है. मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं यही वजह है कि इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. हालांकि कष्टों के निवारण की पूजा-अर्चना के लिए ये बिल्कुल उपयुक्त समय है. होलाष्टक के दौरान जप-तप और पुण्य करने से तमाम कष्टों का अंत होता है और ज़िंदगी में खुशियों के रंगों की बहार आती है. तो कैसे इन दिनों आप ईश्वर की विशेष कृपा पा सकते हैं और क्या हैं होलाष्टक से जुड़ी मान्यताएं.