यमुना की दुर्दशा के लिए सिर्फ पिछली सरकारें ही जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि उसकी बदहाली के लिए दिल्ली के ये लोग भी हैं जो कम कसूरवार नहीं हैं. जो बिना किसी डर या रोक-टोक के चैत्र नवरात्र के बाद भारी मात्रा में पूजा सामग्री यमुना नदी में डाल रहे हैं. यमुना का जल अब भी भक्ति और आस्था की भेंट चढ़ रहा है. क्योंकि अपनी इस लापरवाही के लिए ये लोग आस्था और परंपरा का हवाला देते हैं.