महाकुंभ...एक धार्मिक समागम से कहीं ज्यादा है. ये आस्था, अनुष्ठान और आध्यात्मिक ज्ञान से जुड़ा एक उत्सव है. एक पर्व है जो भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को समेटे हुए हैं. इस उत्सव में शामिल होने के लिए देश ही नहीं सात समंदर पार से लोग पहुंच रहे हैं. आलम ये हो गया है कि प्रयागराज की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर लंबा जाम है. माना जा रहा था कि बसंत पंचमी के बाद ज्यादा भीड़ नहीं होगी. मगर ये अनुमान धरा का धरा ही रह गया. अभी भी संगम तक पहुंचने के लिए लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है. ऐसे में प्रशासन और पुलिस ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. साथ ही अफवाहों से बचने को भी कहा है. इस बीच राज्य कई सरकारों ने भी लोगों से भीड़ कम होने के बाद स्नान के लिए जाने की अपील की है. लेकिन सवाल ये उठता है कि अचानक भीड़ कैसे बढ़ गई. इतनी गाड़ियां शहर में कैसे पहुंचने लग गई।. क्या सभी को ये लगने लगा था कि अब भीड़ नहीं होगी. क्या प्रयागराज प्रशासन भी ये मान रहा था कि अखाड़ों की विदाई की बेला के बाद उतनी भीड़ नहीं होगी. सबसे अहम सवाल अब माघ अमावस्या पर कैसे इंतजाम देखने को मिलेंगे और अगर आप प्रयागराज महाकुंभ जा रहे हैं तो आपको किन-किन चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है. इन्हीं सब सवालों के ईर्द-गिर्द हम चर्चा करेंगे. देखिए हमारी ये रिपोर्ट.