रंगों का पर्व होली आ चुका है. मथुरा में वसंत पंचमी से होली मनाई जा रही है. आज रंगभरी एकादशी से शिव का काशी भी इस होली के उत्सव में शामिल हो गई है. आज रंगभरनी एकादशी पर काशी में महादेव के भक्त शिव-शक्ति के साथ होली खेल रहे हैं. मान्यता है इस दिन स्वर्ग से देवता भी काशी में महादेव और मां गौरा के साथ होली खेलने के लिए पहुंचते हैं. इस दिन गृहस्थ के अलावा साधु, संत भी होली खेलते हैं. शिव के आराध्य हैं राम और रामनगरी में भी रंगोत्सव का रंग बिखरने लगा है. अयोध्या में रंगभरनी एकादशी पर मंदिरों में भगवान को अबीर गुलाल लगाया गया. हनुमानगढ़ी में संतों ने बजरंग बली को अबीर गुलाल लगाया. वहां दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों को प्रसाद के तौर पर रंग दिया गया. ये तो हुई काशी और अयोध्या की बात. जबकि कान्हा की नगरी मथुरा तो पिछले कई दिनों से वसंती रंग में रंगी हुई है. आज वहां के मंदिरों में हर तरफ रंग गुलाल की महक है. मथुरा के बाजारों में रंगों के इस पर्व को लेकर खासी रौनक है. राजस्थान के सीकर में होली के लोकगीत गूंज रहे हैं. चंग और ढप की थाप पर हुरियारे गीत गा रहे हैं. राजस्थान का अजमेर होली के रंगों से सजा हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह होली से पहले होली की खुमारी छाई हुई है. लेकिन रंगभरनी एकादशी पर महादेव की नगरी काशी की रौनक देखने लायक है.