शिव लय है, तो प्रलय भी है. शिव कला है, तो काल भी. वो जगत के कल्याण के लिए गंगा को अपनी जटाओं में धारण करते हैं तो जगत की भलाई के लिए विषपान भी कर जाते हैं. आज सावन की शिवरात्रि है. देवालय और शिवालयों में महादेव के नाम की ध्वनि गूंज रही है. शिवरात्रि के मौके पर कई भक्त केदारनाथ जाकर बाबा के दर्शन करने जाना चाहते थे मगर वहां बादल फटने से कई जगह पैदल मार्ग ही बह गया. अभी हालात ये हैं कि लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा. आखिर क्यों इतने जल प्रलय हो रहे हैं और क्यों दरक रहे हैं पहाड़ ?
On the occasion of Shivratri, many devotees wanted to go to Kedarnath to have darshan of Baba but due to cloudburst, the footpath was washed away in many places. The situation now is such that people had to be airlifted. Why are there so many floods and why are the mountains cracking?