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Mahakumbh 2025: पेशवाई के साथ साधु-संतों का कुंभनगरी में प्रवेश का सिलसिला जारी, आखिर पेशवाई क्या होती है, अलग-अलग पंथों का क्या उदेश्य है, नागा साधुओं का रहस्य क्या है? समझिए सबकुछ

देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया और उस मंथन से अमृत निकला. अमृतपान के लिए देव-दानवों में झगड़ा हुआ. इसी झगड़े में अमृत कलश छलकने से अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिरीं. जहां-जहां अमृत की बूंदे गिरीं वहां कुंभ मेला लगता है. साल 2025 की शुरूआत प्रयागराज महाकुंभ से हो रही है. और अब वो घड़ी बेहद करीब आ चुकी है, जब अखाड़ों से जुड़े साधु, संत महाकुंभ में शाही स्नान करेंगे.