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Exclusive: 14 साल के आर्यवीर ने रचा इतिहास, अंडर 15 केटेगरी में जीता US Junior Open Squash Tournament

दिल्ली एनसीआर के 14 वर्षीय प्रतिभाशाली आर्यवीर दीवान ने लड़कों के अंडर 15 वर्ग में US Junior Open Squash Tournament जीतकर इतिहास रचा है. यह कामयाबी हासिल करने वाले पहले भारतीय बनकर आर्यवीर ने स्क्वैश इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है.

Aryaveer Dewan Aryaveer Dewan
हाइलाइट्स
  • दसवीं क्लास में पढ़ते हैं आर्यवीर 

  • कई टूर्नामेंट्स में देश का नाम रोशन किया

भारत में ज्यादातर माता-पिता मानते हैं पढ़ाई से ही करियर बनता है और अगर खेल या किसी और चीज पर ध्यान लगाया तो पढ़ाई से ध्यान हटेगा. लेकिन एक पिता ऐसे हैं जिनका कहना है कि माता-पिता को यह सिर्फ एक गलतफहमी है... उनका कहना है कि अगर बच्चा किसी खेल में अच्छा है और वह उसकी ट्रेनिंग करता है तो उसका डिसिप्लिन और फोकस बढ़ता है. फोकस बढ़ने से बच्चे की पढ़ाई भी अच्छी होती है इसलिए बच्चों को वहीं करने देना चाहिए जो वह दिल से करना चाहते हैं.

और ये बात वह एक्सपीरियंस से कह रहे हैं क्योंकि उनका बेटा अंडर-15 केटेगरी में स्क्वैश चैंपियन है और पढ़ाई में भी अच्छा है. इस बच्चे का नाम है आर्यवीर दीवान. आर्यवीर ने हाल ही में अंडर 15 केटेगरी में US Junior Open Squash Tournament जीता है और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय हैं. GNT Digital ने आर्यवीर से उनके सफर के बारे में एक्सक्लुसिव बातचीत की. 

दसवीं क्लास में पढ़ते हैं आर्यवीर 
स्क्वैश खिलाड़ी, आर्यवीर दीवान दिल्ली के आर.के. पुरम में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र हैं. आर्यवीर ने बताया कि उन्होंने लगभग छह साल पहले यह स्पोर्ट खेलना शुरू किया था. उन्होंने कहा, "मैं बचपन से ही खेलों में एक्टिव था. लेकिन स्क्वैश मैंने लगभग छह साल पहल खेलना शुरू किया. मैं सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की बैडमिंटन और स्क्वैश फैसिलिटी में गया. यहां का इंफ्रास्ट्रक्चर मुझे बहुत पसंद आया. और धीरे-धीरे इस खेल में मेरी दिलचस्पी बढ़ने लगी." 

आर्यवीर का कहना है कि किसी भी दूसरे खेल की तरह स्क्वैश में भी स्किल के साथ-साथ अनुशासन और फोकस बहुत मायने रखता है. लेकिन जितनी आप प्रैक्टिस करते हैं उतना ही आपको अच्छा रिजल्ट मिलता है. साथ ही, उनका कहना है कि वह खेल को एन्जॉय करने के लिए खेलते हैं इसलिए हार-जीत की टेंशन नहीं लेते हैं और इससे उनका खेल बेहतर हुआ है. 

कई टूर्नामेंट्स में देश का नाम रोशन किया
आर्यवीर ने लड़कों के अंडर 15 वर्ग में प्रतिष्ठित यूएस जूनियर ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट में जीत हासिल करने वाले पहले भारतीय बनकर स्क्वैश इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. आर्यवीर पहले ही अपने आयु वर्ग में भारत में नंबर वन और अब आधिकारिक तौर पर एशिया में नंबर दो स्थान पर हैं.

अपने ऐतिहासिक यूएस ओपन खिताब के अलावा, आर्यवीर ने दूसरे स्क्वैश टूर्नामेंटों में भी अच्छा प्रदर्शन किया है:

● सब जूनियर नेशनल चैंपियनशिप इंदौर (अक्टूबर 2023): दूसरा स्थान

● इंडियन जूनियर ओपन मुंबई (सितंबर 2023): प्रथम स्थान

● एशियाई जूनियर व्यक्तिगत चैम्पियनशिप डालियान, चीन (अगस्त 2023): कांस्य पदक विजेता

माता-पिता का है पूरा सपोर्ट 
अपने रूटीन के बारे में आर्यवीर कहते हैं कि उनका दिन 6-6:30 बजे से शुरू होता है. उनके रूटीन में ज्यादातर समय उनकी ट्रेनिंग के लिए रहता है. बाकी समय में वह पढ़ाई और दूसरी चीजें करते हैं. पढ़ाई और खेल के बीच बैलेंस के बारे में बात करते हुए आर्यवीर ने बताया कि उनके माता-पिता, दोस्त व टीचर्स इसमें उनकी मदद करते हैं. स्कूल की तरफ से उन्हें पूरा सपोर्ट मिलता है और इसलिए वह खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा कर रहे हैं. 

आर्यवीर के पिता प्रभात दीवान ने बताया कि यह सिर्फ एक गलतफहमी है कि खेल के कारण बच्चे का पढ़ाई से ध्यान भटकता है बल्कि जो बच्चे खेल में एक्टिव होते हैं उनकी कंसंट्रेशन पावर अच्छी होती है और वे कम समय में ज्यादा टॉपिक्स याद कर सकते हैं. उनका कहना है कि आर्यवीर पढ़ाई में भी अच्छा परफॉर्म करता है. प्रभात दीवान एक बिजनेसमैन हैं और वह चाहते हैं कि उनका बेटा अपना पैशन फॉलो करते हुए देश का नाम रोशन करे और साथ ही, स्क्वैश को भी क्रिकेट, टेनिस जैसे खेलों के जितनी ही पहचान दिलाने में सफल रहे. 

वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने का लक्ष्य 
आर्यवीर का कहना है कि वह फिलहाल आने वाले दो-तीन सालों में वर्ल्ड स्क्वैश चैंपियनशिप जीतकर भारत के लिए मेडल लाना चाहते हैं. इसके लिए वह जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि साल 2028 के ओलंपिक गेम्स में भी स्क्वैश को शामिल किया जा रहा है जिसके बाद मुमकिन है कि देश में इसके प्रति और जागरूकता बढ़े और हमारे देश से ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी इस खेल में प्रतिनिधित्व करें. हालांकि, आर्यवीर के मुताबिक, भारत में स्क्वैश इंफ्रास्ट्क्चर पर अच्छा काम किया जा रहा है.