सुप्रीति कच्छप ने जब चलना भी नहीं सीखा था तब नक्सल अटैल में उसके पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद से सुप्रीति की मां ने अकेले की पांच बच्चों को पाला. आज इसी लड़की ने 9 मिनट 46.14 सेकंड और 9 मिनट 50.54 सेकंड के समय के साथ एक नया एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडियन नेशनल यूथ रिकॉर्ड बनाया, जिसमें उसे गोल्ड मेडल मिला है.
सुप्रीति के पिता की मौत के बाद उसकी मां बालमती गुमला के घाघरा क्षेत्र में बीडीओ ऑफिस में काम करने लगी थी. नौकरी की वजह से उन्हें रहने के लिए सरकारी क्वार्टर भी मिल गया था. बालमती ने बताया कि जब उन्होंने अपनी बेटी को रिकॉर्ड बनाते हुए देखा तो, खुशी से वह आंसुओं पर काबू नहीं रख पाईं.
2003 में मारे गए थे सुप्रीति के पिता
बालमती ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि 2003 में दिसंबर का महीना था जब वह और बच्चे मिलकर सुप्रीति के पिता रामसेवक उरांव का इंतजार कर रहे थे लेकिन, अगले दिन उनका शरीर एक पेड़ से लटका हुआ मिला और वह नक्सली हमले में गोलियों से छलनी थे. उन्होंने कहा " सुप्रीति चल भी नहीं पाती थी जब उसके पिता को नक्सलियों ने मार डाला था"
सुप्रीति को बचपन से ही दौड़ना पसंद था
बालमती ने बताती हैं कि "सुप्रीति को बचपन से ही दौड़ना पसंद था. वह हमेशा मुझसे कहती है कि अगर उसके पिता आज जिंदा होते, तो उन्हें उसकी उपलब्धियों पर गर्व होता. हम जानते हैं कि वह सब देख रहे हैं... जब वह घर लौटेगी, तो हम उसका पदक बुरहू गांव के अपने घर पर रखेंगे".
ऐसे मिली थी सुप्रीति के पंखों को उड़ान
सुप्रीति का एडमिशन पहले नुक्रुडिप्पा चैनपुर स्कूल में हुआ था, जहां वह मिट्टी के छोटे से ट्रैक पर दौड़ती थी. बाद में, उसे स्कॉलरशिप पर गुमला के सेंट पैट्रिक स्कूल में भर्ती कराया गया. इसके बाद एक इंटर-स्कूल कॉम्पिटिशन के दौरान कोच प्रभात रंजन तिवारी की नजर सुप्रीति पर पड़ी और उसे 2015 में अपने साथ गुमला में झारखंड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर ले गए, जहां से सुप्रीति के पंखों को उड़ान मिलने लगी.
इसके बाद 2016 में, सुप्रीति विजयवाड़ा में जूनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लड़कियों की 1500 मीटर दौड़ के फाइनल में पहुंची, जिसके बाद उसने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर 3,000 मीटर दौड़ में भाग लिया. 2018 में, उसे भोपाल में SAI मिडिल एंड लॉन्ग डिस्टेंस अकादमी के लिए चुना गया, जहां उसने फार्मर नेशनल सिल्वर मेडलिस्ट के साथ ट्रेनिंग करना शुरू किया.
2019 में जीता था पहला नेशनल मेडल
2019 में सुप्रीति ने अपना पहला नेशनल मेडल जीता, जब उसने मथुरा में राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री चैंपियनशिप में 2,000 मीटर में रजत पदक जीता था. यही नहीं इसकी साल उसने गुंटूर में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 3,000 मीटर कांस्य पदक जीता, जहां उसने 9 मिनट और 53.85 सेकंड में इस दौड़ को पूरा किया.
पिछले साल, सुप्रीति ने गुवाहाटी में राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 10 मिनट और 5 सेकंड के समय के साथ 3,000 मीटर में रजत और भोपाल में जूनियर फेडरेशन कप में 3,000 मीटर और 5,000 मीटर स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता था और इस बार 19 साल की सुप्रीति ने 9 मिनट 46.14 सेकंड के समय के साथ एक नया एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया राष्ट्रीय युवा रिकॉर्ड बनाया है.
ये भी पढ़ें :