साल 2028 में ओलंपिक में क्रिकेट देखने को मिलेगा. लेकिन ये पहली बार नहीं होगा, जब ओलंपिक में क्रिकेट खेला जाएगा. इससे पहले साल 1900 में आज के दिन यानी 20 अगस्त को ओलंपिक में इकलौते क्रिकेट मैच में हार-जीत का फैसला हुआ था. उसके बाद से खेलों के इस महाकुंभ में कभी क्रिकेट नहीं खेला गया. क्या आपको पता है कि उस इकलौते मैच में क्या हुआ था? किसको जीत मिली थी? किसने गोल्ड मेडल जीता था? चलिए आपको ब्रिटेन और फ्रांस के बीच खेले गए इस मैच की पूरी कहानी बताते हैं.
ओलंपिका का इकलौता क्रिकेट मैच-
साल 1900 में ओलंपिक में आज के क्रिकेट मैच में विजेता का फैसला हुआ था. ये मैच 19 और 20 अगस्त को खेला गया था. उसके बाद से आज तक कभी भी ओलंपिक में क्रिकेट नहीं खेला गया है. पेरिस में खेले गए इस ओलंपिक में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच क्रिकेट मैच खेला गया था. यह एक टेस्ट मैच था. इस मैच में ब्रिटेन ने 158 रनों के बड़े अंतर से फ्रांस को हराया था और गोल्ड मेडल जीता था. जबकि फ्रांस को सिल्वर मेडल मिला था.
कैसा था इस मैच में दोनों टीमों का प्रदर्शन-
यह टेस्ट मैच 2 दिन तक खेला गया था. इस मैच में ब्रिटेन ने पहले बल्लेबाजी की और पहली पारी में 117 रन बनाए. इस पारी में सबसे ज्यादा फ्रेडरिक कमिंग ने 38 रन बनाए थे. जबकि कप्तान सीबीके बीचक्रॉफ्ट ने 23 रन की पारी खेली थी. इसके जवाब में फ्रांस की टीम 78 रनों पर ऑलआउट हो गई. फ्रांस की तरफ से जे. ब्रेड ने सबसे ज्यादा 25 रन बनाए थे.
दूसरी पारी में ब्रिटेन की टीम ने शानदार खेल दिखाया. टीम ने 5 विकेट पर 145 रनों की पारी खेली. कप्तान बीचक्रॉफ्ट ने शानदार 54 रन बनाए थे. जबकि अल्फ्रेंड बेवरमैन ने 59 रनों की पारी खेली थी. इसके जवाब में फ्रांस की पूरी टीम 26 रन पर ऑलआउट हो गई. इस तरह से ब्रिटेन ने इस मैच को 158 रनों से जीत लिया. ब्रिटेन के गेंदबाज मोंटागु हनरी टोलर ने 7 खिलाड़ियों को आउट किया था.
4 टीमों को होना था शामिल-
इस ओलंपिक में क्रिकेट मुकाबलों के लिए 4 टीमों को शामिल किया गया था. इसमें बेल्जियम, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल था. लेकिन बेल्जियम और नीदरलैंड्स ने मैच शुरू होने से पहले ही अपना नाम वापस ले लिया था. जिसके बाद ब्रिटेन और फ्रांस के मुकाबले को फाइनल मैच मान लिया गया था. इस मैच को 2 दिन में ही खत्म कर लिया गया था.
इस टेस्ट मैच में 11 खिलाड़ियों की जगह 12 खिलाड़ी शामिल हुए थे. ब्रिटेन ने इस मुकाबले के लिए नेशनल टीम की जगह क्लब लेवल की टीम भेजी थी. जबकि फ्रांस की टीम पेरिस में रहने वाले अधिकारियों को शामिल करके बनाई गई थी.
मैच के बाद ब्रिटेन को सिल्वर मेडल दिया गया था और फ्रांस को ब्रॉन्ज मेडल मिला था. ओलंपिक में रिकॉर्ड्स में इस मैच को 12 साल बाद शामिल किया गया था. इसके बाद ब्रिटेन को गोल्ड मेडल और फ्रांस को सिल्वर मेडल दिया गया था.
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