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23rd March in Cricket History: वर्ल्ड कप 2003 के फाइनल में सहवाग ने खेली थी तूफानी पारी, लेकिन जीत गया था ऑस्ट्रेलिया

World Cup Final 2003: साल 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और टीम इंडिया का मुकाबला हुआ था. जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर वर्ल्ड कप जीत लिया था. पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए सचिन तेंदुलकर को गोल्डन बैट मिला था.

23 मार्च 2003 को क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था 23 मार्च 2003 को क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराया था

तारीख 23 मार्च 2003, दिन रविवार, जगह साउथ अफ्रीका में वांडरर्स का मैदान! क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला जा रहा था. हर भारतीय की नजर टीवी स्क्रीन पर थी. लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता गया, भारतीयों का दिल टूटता गया. इस फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को हराकर वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया. हालांकि इस मैच में भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकेट प्रेमियों का दिल जरूर जीत लिया था. वो भारत के इकलौते बल्लेबाज थे, जो जब तक क्रीज पर थे, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की राहत की सांस नहीं लेने दी. लेकिन उस दिन सौरभ गांगुली की कप्तानी में भारत का वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया था. हालांकि टीम इंडिया ने साल 2011 में वर्ल्ड कप जीतकर इस जख्म पर मरहम लगाने का काम किया था. चलिए आपको साल 2003 के इतिहास में दर्ज उस मुकाबले की कहानी बताते हैं.

गांगुली ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया-
क्रिकेट वर्ल्ड का फाइनल मुकाबला 23 मार्च 2003 को साउथ अफ्रीका के वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया था. उस दिन टीम इंडिया के कप्तान सौरभ गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. दरअसल एक दिन पहले खूब बारिश हुई थी, जिसकी वजह से गांगुली ने ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया. लेकिन उनका फैसला कुछ ही देर में गलत साबित होने लगा. 

ऑस्ट्रेलिया की पारी-
ऑस्ट्रेलिया ने पारी की शानदार शुरुआत की और 8 ओवर में ही 50 रन का आंकड़ा छू लिया. अभी 15 ओवर का खेल भी नहीं पूरा हुआ था और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 100 रन के पार पहुंच गया था. हालांकि 105 के स्कोर पर टीम इंडिया के गेंदबाज हरभजन सिंह ने ऑस्ट्रेलिया को झटका दिया और एडम गिलक्रिस्ट को 57 रन पर आउट कर दिया. इसके बाद जल्द ही भारत को दूसरी सफलता मिली और हरभजन सिंह ने एक बार फिर झटका दिया और मैथ्यू हेडन को 37 रन के स्कोर पर चलता कर दिया. दो विकेट के बाद भारतीय फैंस में खुशी की लहर दौड़ गई.

एकबारगी लगा कि टीम इंडिया वापसी कर लेगी. लेकिन इसके बाद फैंस के इंतजार के साथ ऑस्ट्रेलिया का स्कोरबोर्ड भी बढ़ता चला गया. कप्तान रिकी पोंटिंग और डेमिन मार्टिन ने मोर्चा संभाल लिया था और आखिरी तक क्रीज पर डटे रहे. पोंटिंग ने शानदार 140 रन की पारी खेली, जबकि मार्टिन ने 88 रन बनाए. 50 ओवर का खेल खत्म होने पर ऑस्ट्रेलिया ने 359 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था.

टीम इंडिया की पारी-
एक बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी टीम इंडिया से भी फैंस को धमाकेदार खेल की उम्मीद थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी क्रीज पर उतरी. लेकिन पहले ही ओवर में टीम इंडिया को सबसे बड़ा झटका लगा और पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाने वाले सचिन तेंदुलकर 4 रन की निजी स्कोर पर आउट हो गए. भारतीय फैंस में खामोशी छा गई. टीम इंडिया बैकफुट पर थी. अभी तेंदुलकर के आउट होने गम से फैंस उबरे ही नहीं थे, इससे पहले ही सहवाग को शून्य के स्कोर पर एक जीवनदान मिला. फैंस ने राहत की सांस ली. सौरभ गांगुली और सहवाग ने संभलकर खेलना शुरू किया. टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. दोनों बल्लेबाज जम गए थे. लेकिन तभी टीम इंडिया को झटका लगा और कप्तान सौरभ गांगुली 24 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए.

भारत के 59 रन कुल स्कोर पर एक और झटका लगा और मोहम्मद कैफ बिना खाता खोले आउट हो गए. इसके बाद राहुल द्रविड क्रीज पर आए और सहवाग के साथ पारी को आगे बढ़ाया. टीम का स्कोर 147 रन तक पहुंचाया. लेकिन इस स्कोर पर शानदार बल्लेबाजी कर रहे वीरेंद्र सहवाग रनआउट हो गए. सहवाग ने 82 रन की पारी खेली थी. इसके बाद एक के बाद एक विकेट गिरते रहे. युवराज सिंह 24 रन, राहुल द्रविड़ 47 रन, दिनेश मोंगिया 12 रन और हरभजन सिंह 7 रन बनाकर आउट हुए. टीम इंडिया 234 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई और इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 125 रन से मैच जीत लिया और वर्ल्ड कप पर कब्जा कर लिया.

तेंदुलकर को मिला गोल्डन बैट-
सचिन तेंदुलकर ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया. लेकिन फाइनल में वो जल्दी आउट हो गए. इसका नतीजा टीम इंडिया को हारकर भुगतना पड़ा. तेंदुलकर को सबसे ज्यादा रन बनाने के लिए गोल्डन बैट मिला था. तेंदुलकर ने 11 मैचों में 61.18 के औसत और 89.26 के स्ट्राइक रेट से 673 रन बनाए थे. इस दौरान सचिन ने एक शतक और 6 अर्धशतक लगाया था. आज भी ये रिकॉर्ड है. एक वर्ल्ड कप में इतने ज्यादा रन आज तक किसी बल्लेबाज ने नहीं बनाया है.

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