क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा हमेशा से ही रहा है. अब तक वनडे क्रिकेट में 11 बार आईसीसी मेंस वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ है, जिसमें से 5 बार ऑस्ट्रेलिया ने इसपर कब्जा किया है. ऑस्ट्रेलियाई टीम वर्ल्ड कप जीतने की हैट्रिक भी लगा चुकी है. आज के दिन ही यानी 28 अप्रैल को साल 2007 में कंगारू टीम ने क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट में खिताबी जीत की हैट्रिक लगाई थी. इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम साल 1999 में पाकिस्तान और साल 2003 में भारत को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. साल 2007 के फाइनल में कंगारु श्रीलंका को मात देकर वर्ल्ड चैंपियन बने थे. चलिए आपको साल 2007 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले के बारे में बताते हैं.
गिलक्रिस्ट की तूफानी पारी-
वर्ल्ड कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला श्रीलंका से था. इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने तूफानी पारी खेली थी. उन्होंने 149 रनों की धमाकेदार और बड़ी पारी खेली थी. गिलक्रिस्ट ओपनर के तौर पर मैदान पर उतरे थे और शुरुआत से ही उन्होंने अपनी बैटिंग का जलवा दिखाना शुरू कर दिया था. गिलक्रिस्ट ने इस धमाकेदार पारी के लिए सिर्फ 104 गेंदों का सामना किया था. इस दौरान उन्होंने 8 गगनचुंबी छक्के लगाए थे. जबकि 13 बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेजा था.
ऑस्ट्रेलिया ने जीता टॉस, पहले बल्लेबाजी का फैसला-
वेस्टइंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला बारबाडोस में खेला गया था. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन ओपनिंग के लिए मैदान पर उतरे. दोनों खिलाड़ियों ने पहले विकेट के लिए 172 रन की साझेदारी निभाई. मैथ्यू हेडन ने 38 रनों की पारी खेली और आउट हो गए. इसके बाद कप्तान रिकी पोंटिंग खुद क्रीज पर आए. उन्होंने 37 रनों की पारी खेली. ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 38 ओवर के इस मैच में 4 विकेट खोकर 281 रन का स्कोर खड़ा किया था. बारिश की वजह से फाइनल मुकाबला सिर्फ 38 ओवर का खेला गया था.
श्रीलंका की पारी लड़खड़ाई-
269 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम के उपल थारंगा और जयसूर्या ओपनिंग करने मैदान पर उतरे. तीसरे ओवर में ही श्रीलंका को बड़ा झटका लगा. थारंगा सिर्फ 6 रन बनाकर आउट हो गए. हालांकि दूसरे छोर पर जयसूर्या टिके रहे. इसके बाद मैदान पर उतरे कुमार संगाकारा जयसूर्या का साथ दिया. दोनों खिलाड़ियों ने टीम का स्कोर 123 रन तक पहुंचाया. लेकिन इस स्कोर पर संगाकारा आउट हो गए. उन्होंने 54 रन की अच्छी पारी खेली थी. लेकिन इसके बाद कोई भी बल्लेबाज ठीक नहीं पाया. जिसका खामियाजा श्रीलंका को भुगतना पड़ा. इस मैच में सनथ जयसूर्या ने 63 रन की बेहतरीन पारी खेली थी. लेकिन उनकी ये पारी श्रीलंका को जीत की दहलीज तक नहीं पहुंचा पाई.
डकवर्थ नियम से हुआ विजेता का फैसला-
श्रीलंका की टीम 36 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 215 रन ही बना पाई थी. उसके बाद मैच रोक दिया गया और डकवर्थ नियम के तहत ऑस्ट्रेलिया की टीम को विजेता घोषित किया गया. दरअसल मैच के अंत के होते-होते बिलकुल अंधेरा हो गया था. आखिरी के कुछ ओवर अंधेरे में खेले गए. डकवर्थ लुईस नियम से मैच का फैसला किया गया और ऑस्ट्रेलिया को 53 रन से जीत मिली. इस तरह से ऑस्ट्रेलिया की टीम लगातार तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही.
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