इस दिन के बाद कोई भी क्रिकेट फैंस ऐसे नहीं थे, जिनकी जुबां पर महेंद्र सिंह धोनी का नाम नहीं था. ये दिन धोनी की जिंदगी का सबसे अहम और महत्वपूर्ण दिन था. इस दिन ही क्रिकेट की दुनिया ने एक ऐसे खिलाड़ी को देखा, जिसने भारतीय क्रिकेट का इतिहास बदल दिया. आज का दिन यानी 5 अप्रैल 2005 को माही के नाम से फेमस महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार इंटरनेशनल शतक लगाया था. इस शतक की गूंज आज तक क्रिकेट फैंस के दिमाग पर है. उनका हेलिकॉप्टर शॉट्स को क्रिकेट का एक अलग अंदाज ही बन गया. चलिए आपको उस मैच की पूरी कहानी बताते हैं, जब पाकिस्तान ही नहीं, पूरा क्रिकेट जगत इस खिलाड़ी को देखकर हैरान रह गया था.
धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में दिखाया था दम-
पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए इस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार शतक बनाया था और 148 रन की धमाकेदार पारी खेली थी. धोनी का ये 5वां मैच था. इससे पहले उन्होंने क्रिकेट में कुछ खास नहीं किया था. लेकिन इस मैच में उन्होंने धमाकेदार पारी खेली. इस पारी के दौरान माही ने 15 चौके और 4 छक्के लगाए. धोनी ने 49 गेंदों पर अर्धशतक बनाया. जबकि सेंचुरी के लिए 88 गेंदों का सामना किया.
नंबर 3 पर बैटिंग के लिए भेजे गए थे धोनी-
इस मैच में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ओपनिंग करने उतरे. सचिन तेंदुलकर सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद कप्तान सौरभ गांगुली ने एक बड़ा जुआ खेला. गांगुली ने नंबर 3 पर बल्लेबाजी के लिए महेंद्र सिंह धोनी को भेजा. धोनी ने कप्तान को निराश भी नहीं किया और इतिहास रच दिया. धोनी शुरू से ही इस मैच में हीरो की तरह खेले. उन्होंने चौका जड़कर पारी का आगाज किया.
सहवाग ने भी खेली थी विस्फोटक पारी-
इस मैच दो और बल्लेबाजों ने शानदार खेल दिखाया था. लेकिन धोनी के धमाके में उनका खेल छिप गया. विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने इस मैच में अपने मिजाज के मुताबिक बैटिंग की. सहवाग ने 74 रन की पारी खेली. इसके लिए उन्होंने सिर्फ 40 गेंदों का सामना किया. इस दौरान उन्होंने 12 चौके लगाए और 2 छक्के जड़े. जबकि राहुल द्रविड़ ने एक सधी हुई पारी खेली और 52 रन बनाए.
इस मैच में क्या हुआ था-
5 अप्रैल 2005 को विशाखापत्तम में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे मैच खेला गया था. भारत के कप्तान सौरभ गांगुली ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 356 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया था. इस मैदान पर उस वक्त का ये सबसे बड़ा स्कोर था. इतने बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम की शुरुआत भी कुछ खास नहीं रही. 5 रन के कुल स्कोर पर पाकिस्तान को पहला झटका लगा और शाहिद अफरीदी बिना खाता खोले आउट हो गए. हालांकि इसके बाद सलमान बट और अब्दुल रज्जाक ने मोर्चा संभाला और स्कोर 89 रन तक पहुंचाया. इस स्कोर पर सलमान बट 36 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद पाकिस्तान का स्कोर धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा और विकेट गिरते रहे. पाकिस्तान की पूरी टीम 44.1 ओवर में 298 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत ने ये मैच जीत लिया. महेंद्र सिंह धोनी को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया था.
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