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Sachin Tendulkar On This Day: सिडनी में जब सचिन के आगे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने टेक दिए थे घुटने, 18 साल की उम्र में मास्टर ब्लास्टर ने खेली थी ऐसी पारी

Cricket Diary: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर क्रिकेट की दुनिया के महान बल्लेबाजों में से एक हैं. आइए आज उनकी 6 जनवरी 1992 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई मैराथन पारी के बारे में जानते हैं. 

Sachin Tendulkar (file photo) Sachin Tendulkar (file photo)
हाइलाइट्स
  • सिडनी में सचिन ने 213 गेंदों पर 148 रनों की खेली थी नाबाद पारी 

  • ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय होने का बनाया था रिकॉर्ड 

क्रिकेट के 'भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम के लिए कई यादगार पारियां खेली है. ऐसी ही उनकी यादगार पारी साल 1992 में सिडनी के मैदान पर देखने को मिली थी. जी हां, 6 जनवरी 1992 को 18 साल और 256 दिन की उम्र में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ टेस्ट मैच में  नाबाद 148 रनों की पारी खेली थी. 

ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाना हर भारतीय का था सपना
भारतीय क्रिकेट की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर टेस्ट मैच जीतना फैंस और खिलाड़ियों, दोनों का सपना था. लंबे समय के बाद साल 1978 के दौरे पर टीम इंडिया ने मेलबर्न टेस्ट जीतकर ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में पहला टेस्ट मैच हराया और साल 1986 में पहली बार किसी भारतीय बल्लेबाज ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक बनाया था. जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया में शतक बनाना हर भारतीय बल्लेबाज का सपना बन गया और सचिन तेंदुलकर का ये सपना 1992 में पूरा हुआ. 

जब 18 साल के सचिन ने अपने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही ऑस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले सबसे युवा भारतीय होने का रिकॉर्ड बनाया. तेंदुलकर ने सिडनी में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारत की पहली पारी में 213 गेंदो पर 14 चौकों की मदद से 148 रन की नाबाद पारी खेली थी. रवि शास्त्री के साथ उन्होंने 196 रनों की साझेदारी की थी. इस मैच में रवि शास्त्री ने दोहरा शतक लगाया था. भले ही यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था लेकिन भारतीय क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर के रूप में ऐसा बल्लेबाज मिल चुका था, जो दुश्मन के घर में घुसकर आंखों में आंखें डालने की काबिलियत रखता हो.

पूरी रात बल्लेबाजी करते रहे सचिन
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बताया था कि 1992 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में नाबाद 148 रन की पारी खेलने से पहले वाली रात वे सो नहीं सके थे. सचिन ने बताया था कि दादा (सौरव गांगुली) मेरे रूम पार्टनर थे. मैं पूरी रात बल्लेबाजी की शैडो प्रैक्टिस करता रहा. मैं उस रात 2.30 बजे तक जागता रहा. यही सोचता रहा कि अगले दिन कैसी बल्लेबाजी करूंगा. मुझे इस बात का भी आभास नहीं था कि दादा जाग रहे हैं. 

अगली सुबह सलामी बल्लेबाज रवि शास्त्री (206), संजय मांजरेकर (34) के बाद जब दिलीप वेंगसरकर (54) के साथ साझेदारी कर रहे थे, तब सचिन ने सिडनी क्रिकेट मैदान (एससीजी) के ड्रेसिंग रूम में झपकी लेने का फैसला किया. सचिन ने कहा कि ड्रेसिंग रूम में बड़ी सी डाइनिंग टेबल थी. मैं उस पर आधे घंटे के लिए सो गया. मैंने दादा से कह दिया था कि यदि कुछ होता है तो मुझे उठा देना. मैं कुछ विशेष करने से पहले थोड़ा आराम चाहता था. वास्तव में उन्होंने खास किया. वे ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने थे. तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि वे ऑस्ट्रेलिया के मुख्य तेज गेंदबाज क्रेग मैक्डरमॉट से निपटने की तैयारी कर रहे थे.

यूं ही नहीं कहा जाता क्रिकेट का भगवान
सचिन तेंदुलकर को 'क्रिकेट के भगवान' का दर्जा प्राप्त है और इसकी गवाही उनके जबरदस्त रिकॉर्ड देते हैं. इस दिग्गज बल्लेबाज ने 200 टेस्ट खेले हैं जिसमें 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 51 शतक और 68 अर्धशतक जमाए हैं. टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 248 नाबाद रहा. वनडे में सचिन ने 463 मैच खेले और 49 शतक और 96 अर्धशतक की मदद से 18,426 रन बनाए हैं. वनडे में सचिन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 200 रन रहा. इस तरह से सचिन ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 100 शतक लगाए हैं. 

नवंबर में डेब्यू और नवंबर में संन्यास
15 नवंबर 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ कराची में अपने करियर का पहला टेस्ट मैच खेलने वाले सचिन ने 24 साल तक देश का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने अपने करियर की पहली टेस्ट सेंचुरी इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में 1990 में जड़ी थी, तब 119 रन की नाबाद पारी खेली थी. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 15 नवंबर को टेस्ट डेब्यू किया था और 16 नवंबर को संन्यास लिया था.