अक्सर पैरेंट्स को लगता है कि अगर उनके बच्चे स्पॉर्ट्स में ज्यादा रहेंगे तो उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि पढ़ाऔ और खेल, दोनों साथ में अच्छे हो सकते हैं तो? जी हां, भारतीय क्रिकेट में ऐसे कई नाम हैं जिन्होंने पढ़ाई में भी अच्छा नाम कमाया है. अगर कोई आपसे पूछे कि भारत में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा क्रिकेटर कौन हैं तो नाम होगा आविष्कार साल्वी, जिन्होंने एस्ट्रॉफिजिक्स में पीएचडी की है.
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज आविष्कार साल्वी अब तक के सबसे शिक्षित भारतीय क्रिकेटर हैं. साल्वी घरेलू मैचों में मुंबई की तरफ से खेलते थे. साल्वी ने बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था. हालांकि, भारत के लिए सिर्फ चार वनडे इंटरनेशनल मैच ही खेल पाए. एक गंभीर चोट के कारण उनका अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया.
चार मैच तक चला इंटरनेशनल करियर
मुंबई में जन्मे आविष्कार साल्वी अपनी बॉलिंग के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्राथ की तर्ज पर बॉलिंग की प्रैक्टिस की. उन्होंने क्रिकेट में राइट आर्म मीडियम पेस बॉलर और राइट-हैंड बैट्समैन के तौर पर अपनी जगह बनाई. उन्होंने 2001 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मुंबई टीम से अपना डेब्यू किया. प्रतिनिधित्व किया. इसके दो साल बाद, साल्वी ने नेशनल सिलेक्टर्स को प्रभावित किया और 2003 में बांग्लादेश में सीरिज के लिए भारत की वनडे टीम में जगह बनाई.
उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपनी शुरुआत की और असाधारण रूप से अच्छी गेंदबाजी करते हुए अपना नाम कमाया. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ मैच में सात ओवर में 15 रन दिए और दो विकेट लिए. हालांकि, उका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर चार मैच तक ही चला. संन्यास लेने से पहले उन्होंने 2012-13 सीज़न तक घरेलु क्रिकेट खेला.
रिटायरमेंट के बाद बने कोच
साल्वी रिटायरमेंट के बाद कोच बने और 2018 में पुदुचेरी टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा थे. भारत के पूर्व तेज गेंदबाज ओमान टीम के भी कोच रहे हैं. हाल ही में, उन्हें भारत की महिला क्रिकेट टीम का बॉलिंग कोच बनने का भी मौका मिला. महिला क्रिकेट टीम की साउथ इंडिया के साथ सीरिज के दौरान साल्वी उनके बॉलिंग कोच रहे. साल्वी पंजाब टीम के हेड कोच भी रह चुके हैं.
एस्ट्रॉफिजिक्स में पढ़ाई
साल्वी ने क्रिकेट के पैशन को पढ़ाई के बीच नहीं आने दिया. उन्होंने साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की. उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेजुएशन की और फिर एस्ट्रॉफिजिक्स में पीएचडी की. एस्ट्रॉफिजिक्स, स्पेस साइंस की एक ब्रांच है जो फिजिक्स और केमिस्ट्री के नियमों को लागू करती है. यह ब्रह्मांड में सितारों, ग्रहों और आकाशगंगाओं के जीवन चक्र, उनके जन्म और जीवन और मृत्यु को निर्धारित करने में मदद करती है. स्पेस स्टडी में गहरी रुचि रखने वाले लोग अक्सर एस्ट्रॉफिजिक्स की पढ़ाई करते हैं.
आविष्कार चाहते तो साइंस की दुनिया में अपनी पहचान बना सकते थे. लेकिन उन्होंने अपने क्रिकेट के पैशन को चुना. भले ही क्रिकेट की दुनिया में बतौर प्लेयर वह पीक पर नहीं पहुंच पाए लेकिन यहां वह लगातार अपना योगदान दे रहे हैं.
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