कहते हैं कि कुछ कर गुजरने का सपना अगर आंखों में हो तो परिस्थिती चाहे विपरीत हो या पक्ष में हो फर्क नहीं पड़ता. इसे सच कर दिखाया है झारखंड के रामगढ़ जिले के एक ऑटो ड्राइवर के बेटे ने. ऑटो रिक्शा चलाने वाले के बेटे 15 वर्षीय आदित्य कुमार गौरव ने एशियन कुश्ती चैंपियनशिप अंडर 15 में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया. आदित्य ने न सिर्फ कांस्य पदक जीता बल्कि इसके साथ ही वो झारखंड के सबसे कम उम्र के पहलवान बन गए. आदित्य गौरव की इस उपलब्धि पर उनके गांव में खुशी की लहर है.
बधाई देने के लिए लोगों का लग गया तांता
मनामा बहरीन में 2 जुलाई से 10 जुलाई 2022 तक अंडर 15 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप आयोजित किया गया था. आदित्य जब एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर घर लौटे तो बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया. जगह जगह आदित्य को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया. ग्रामीण आदित्य के उपलब्धि पर काफी खुश थे. आदित्य को ग्रामीणों ने रुपए की माला पहनाकर तिरंगे के साथ ढोल बाजा के साथ पूरे गांव में घुमाया.
बेटे की उपलब्धि पर खुश हैं नंदलाल महतो
आदित्य कुमार गौरव एक गरीब परिवार से आते हैं. उनके पिता नंदलाल महतो ऑटो ड्राइवर हैं. अपने बेटे की इस उपलब्धि पर नंदलाल महतो काफी खुश हैं. वे बताते हैं कि हम ऑटो ड्राइवर हैं किसी तरह करके हम अपने बेटे को इस मुकाम तक ले गए हैं, जो एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. वहीं आदित्य के दोस्त अंकित गौरव ने बताया कि हम लोग साथ-साथ पढ़ते थे आदित्य काफी मेहनती है. आदित्य जब एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में गया तो हमें यकीन था वह जरूर मेडल जीतकर आएगा. हम लोग काफी खुश हैं. हम लोग भी चाहते हैं कि कुछ ऐसा करें कि देश का नाम रोशन हो. गांव के मुखिया एतो बास्को ने बताया कि पूरा पंचायत आदित गौरव के इस उपलब्धि पर काफी खुश है. हम लोगों का आशीर्वाद और शुभकामनाएं साथ है कि अगली बार वह गोल्ड मेडल जीते.
अगली बार गोल्ड जीतने का है लक्ष्य
आदित्य कुमार गौरव ने बताया कि मेरा सपना था कि मैं रेसलिंग में भारत के लिए खेलूं. मेरा जब रांची खेलगांव में जेएसएसपीएस स्पोर्ट्स अकैडमी में सेलेक्शन हुआ तो मेरे कोच भोला नाथ सिंह ने काफी अच्छी ट्रेनिंग दी. 6 साल तक मैंने ट्रेनिंग किया तब जाकर नेशनल में मेडल लाया. वो बताते हैं कि इसी ट्रेनिंग की बदौलत सोनीपत हरियाणा में एशियन के लिए सेलेक्ट हुआ और बहरीन में कांस्य पदक जीता. मुझसे जो गलती हुई उसे मैं सुधार करूंगा और अगली बार गोल्ड मेडल जीत कर लाऊंगा. आदित्य ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने कोच भोलेनाथ सिंह को दिया है.
(राजेश वर्मा की रिपोर्ट)