टी-20 वर्ल्ड कप 2022 के दूसरे सेमीफाइनल में भारत की इंग्लैंड के हाथों शर्मनाक हार के बाद सुनील गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, कप्तान के रूप में हार्दिक पांड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग में शानदार प्रदर्शन किया है. इसके बाद वह टीम इंडिया की कमान भी संभाल चुके हैं. मुझे लगता है कि हार्दिक पांड्या निश्चित रूप से भविष्य में टीम की कमान संभालेंगे और कुछ लोग रिटायर होंगे. सेमीफाइनल मैच में भारत की करारी हार के बाद गावस्कर ने कहा कि अब 30 से ऊपर के खिलाड़ियों के टीम में अपनी स्थति पर दोबारा विचार करना चाहिए. गावस्कर के इस बयान के कई मायने हो सकते हैं. लेकिन जो सबसे बड़ी बात है कि वो मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत के कप्तान रोहित शर्मा से नाखुश हैं. कौन से संभावित खिलाड़ी हैं जो टी-20 क्रिकेट से विदा हो सकते हैं आइए एक नजर डालते हैं.
रोहित शर्मा
गावस्कर ने हार्दिक पांड्या को भविष्य का कप्तान कहा है, यानि उनका पहला निशाना रोहित शर्मा पर है. इस पूरे वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा का बल्ला लगभग शांत ही रहा है. सलामी बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने के बाद अगर मिडिल आर्डर पारी नहीं संभाल पाता तो टीम की हार निश्चित नजर आती है. वर्ल्ड कप के पहले मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ रोहित सात गेंदों में चार रन बनाकर पवेलियन की तरफ लौट गए. सिर्फ 10 रन पर टीम का साथ छोड़ने की वजह से टीम संकट में आ गयी थी जिसको बाद में कोहली और पांड्या ने संभाला.साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में एक बार फिर रोहित शर्मा सस्ते में आउट हुए. इस मैच में रोहित शर्मा ने 14 गेंदों पर 15 रन बनाए. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में रोहित शर्मा ने आठ गेंदों पर दो रन बनाए. इस मैच में बांग्लादेश के तेज गेंदबाज हसन महमूद ने आउट किया. बहराहल, इस तरह लगातार खराब फॉर्म के बाद रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी सवाल उठ रहे हैं. नीदरलैंड के खिलाफ मैच के अलावा पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश, इंग्लैंड के खिलाफ मैच में रोहित शर्मा सस्ते में आउट हुए. 35 साल के रोहित शर्मा टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में सिर्फ 116 रन ही बना सके. तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा हो सकता है दो फॉर्मेट खेलने के लिए भविष्य में टी-20 फॉर्मेट को अलविदा कह दें.
दिनेश कार्तिक
साल 2006 में टी-20 इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले दिनेश कार्तिक को इस बार वर्ल्ड कप में मौका जरूर मिला लेकिन वह कोई खास छाप नहीं छोड़ सके.उनका सर्वोच्च स्कोर सात रन रहा जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ एडिलेड में ही बनाया था. वह विकेट के पीछे भी कोई कमाल नहीं दिखा सके. हालांकि नॉकआउट मैच में उन्हें मौका नहीं दिया गया. इससे ही तय माना जा रहा है कि उन पर अब कम भरोसा जताया जाएगा. वहीं, टी-20 फॉर्मेट पर कम तवज्जो के चलते कार्तिक को टीम इंडिया से बाहर होना पड़ सकता है. कार्तिक वनडे फॉर्मेट में अपना आखिरी मैच 2019 में वर्ल्ड कप में ही खेले थे. यह समझा जाता है कि अगले एक साल के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट को ज्यादा तवज्जो नहीं मिलेगी क्योंकि भारतीय टीम अगले साल स्वदेश में होने वाले 50 ओवर के विश्व कप से पहले कम से कम 25 वनडे खेलेगी. ऐसे में भारत की टी-20 टीम में अगले दो साल के दौरान बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. कार्तिक को टीम में एक फिनिशर के तौर पर शामिल किया गया था लेकिन वह उम्मीदों पर बिल्कुल भी खरे नहीं उतर सके.कार्तिक टी-20 विश्व कप के चार मैचों में सिर्फ 14 रन बना सके. इसके अलावा 37 साल के कार्तिक ने ये पहले ही कहा भी था कि यह उनके लिए यह आखिरी विश्व कप है. ऐसे में कार्तिक भी जल्द टी-20 क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं.
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन पूरे टूर्नामेंट के दौरान विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान करने में नाकाम रहे. टीम मैनेजमेंट ने उन्हें टी-20 विश्व कप की टीम में शामिल किया था और लीग स्टेज के साथ सेमीफाइनल तक उन्हें सभी मैच में खेलने का मौका मिला. हालांकि वह टीम के लिए बिल्कुल भी कारगर साबित नहीं हुए.छह मैच में उनके छह में से तीन विकेट जिंबाब्वे के खिलाफ आए.उन्होंने इस दौरान 8.15 की इकोनॉमी रेट से रन दिए. रविचंद्रन अश्विन टी-20 वर्ल्ड कप में फ्लॉप नजर आए. उनकी गेंदों में वह धार नजर नहीं आई, जिसके लिए वो जाने जाते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ शुरुआती में उन्होंने 3 ओवर में 23 रन दिए. नीदरलैंड्स के खिलाफ चार ओवर में 21 रन देकर दो विकेट चटकाए. इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ चार ओवर में 43 रन दिए और सिर्फ एक विकेट हासिल कर सके. बांग्लादेश और इंग्लैंड के खिलाफ वह कोई विकेट नहीं चटका पाए. 36 साल के रविचंद्रन अश्विन ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है. उनकी गेंदों पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने खूब रन बनाए. उन्होंने 2 ओवर में 13.50 की इकॉनोमी से 27 रन दिए और एक भी विकेट नहीं हासिल कर सके. रविचंद्रन अश्विन भले ही टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों, लेकिन टी-20 क्रिकेट में वह उतने कारगर साबित नहीं हो रहे. वह हमेशा ही रन बचाने की कोशिश करते हैं फिर वह महंगे साबित होते हैं. विकेट लेने की मानसिकता से वह दूर नजर आते हैं. वह कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ की उम्मीदों पर बिल्कुल खरे नहीं उतरे. अश्विन टीम इंडिया के लिए 65 मैच खेल चुके हैं जिसमें उनके नाम 72 विकेट दर्ज है. इस फॉर्मेट में अश्विन के प्रदर्शन को देखा जाए तो वह काफी औसत रहा है.टी-20 विश्व कप में उनके निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शायद ही उन्हें इस फॉर्मेट में अब टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिले.