Anand Mahindra Monday Motivation: सफलता पाने के लिए मजबूत संकल्प शक्ति को होना बेहद जरूरी है. बहुत लोग सबकुछ होते हुए भी कुछ अलग कर गुजरने का संकल्प लेने से घबराते हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे पैरा एथलीट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बचपन से हाथ नहीं हैं, फिर भी अपने दृढ़ इच्छा शक्ति के बदौलत खेल में भारत का नाम दुनिया में रोशन कर रही हैं.
जी हां, हम बात कर रहे हैं शीतल देवी (Sheetal Devi) की, जिन्हें देश के अरबपति कारोबारी आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने अपने मंडे मोटिवेशन (Monday Motivation) में शेयर किया है. वह इस एथलीट को अगले साल एक खास गिफ्ट देंगे. आपको मालूम हो कि अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आनंद महिंद्रा ऐसे साहसी व्यक्ति को सपोर्ट करते नजर आते हैं, जो जीवन की लड़ाई में हार नहीं मानता है और डटकर लड़ना जानता हो.
पेरिस पैरालंपिक में शीतल देवी ने कर दिखाया करिश्मा
पेरिस पैरालंपिक 2024 (Paris Paralympics 2024) में 17 साल की तीरंदाज शीतल देवी ने करिश्मा कर दिखाया. दोनों हाथ न होने के बाद भी शीतल ने 29 अगस्त 2024 को अपने डेब्यू पैरालंपिक में कमाल का प्रदर्शन किया. वह आर्चरी यानी तीरंदाजी में विश्व रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब रहीं. उन्हें 720 में से 703 अंक पाए. इस तरह से शीतल ने ग्रेट ब्रिटेन की फोबे पाइन पीटरसन के 698 अंक के वर्ल्ड रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया. हालांकि कुछ ही देर में तुर्की की क्यूरी गिर्डी ने एक प्वाइंट एक्स्ट्रा पाकर शीतल को पीछे छोड़ दिया. इसके बावजूद शीतल को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें पूरे देशवासियों की तरफ से वाहवाही मिल रही है.
कई हजार लोगों ने किए लाइक्स
भारत के जाने-माने कारोबारी आनंद महिंद्रा ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर शीतल देवी को अपना मंडे मोटिवेशन बताया. कमेंट सेक्शन में यूजर्स भी शीतल देवी को अपना मोटिवेशन बता रहे हैं. अब तक महिंद्रा की इस पोस्ट को 1 लाख से अधिक व्यूज और 7 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. आनंद महिंद्रा ने X पर शीतल देवी की वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि असाधारण साहस, प्रतिबद्धता और कभी हार न मानने का जज्बा पदकों से जुड़ा नहीं है. शीतल देवी, आप देश और पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा की किरण हैं.
महिंद्रा ने एक्स पर आगे लिखा आपकी अदम्य भावना को सलाम करते हुए, आज से करीब एक साल पहले मैंने आपसे हमारी सीमा से किसी भी कार को स्वीकार करने की रिक्वेस्ट किया था. इसे हम आपके चलाने अनुकूल उसमें बदलाव करेंगे. उस समय आपने सही कहा था कि जब आप 18 वर्ष की हो जाएगी तो आप यह प्रस्ताव स्वीकार कर लेंगी, जिसे आप अगले वर्ष स्वीकार करेंगी. मैं आपसे वह वादा पूरा करने के लिए उत्सुक हूं.
ऐसी है शीतल देवी की कहानी
शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी 2007 को जम्मू-कश्मीर के लोइधर गांव में हुआ था. शीतल का जन्म बगैर हाथों के ही हुआ था. दरअसल, शीतल देवी का जन्म फोकोमेलिया नाम की एक बीमारी के साथ हुआ था. इस बीमारी में अंग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं. शीतल के साथ भी ऐसा ही हुआ. उनके दोनों हाथों का विकास नहीं हो पाया. ऐसी शारीरिक स्थिति के साथ पैदा होने के बावजूद शीतल देवी ने हार नहीं मानी. शीतल को बचपन में पेड़ों पर चढ़ना काफी पंसद था और वो खेल खेल में पेड़ों पर चढ़ती थी.
इसके चलते उनके शरीर का ऊपरी हिस्सा काफी मजबूत हुआ. इससे उन्हें आगे आने वाले समय में फायदा मिला. उन्होंने तीरंदाजी करने का फैसला किया. हाथों से खेला जाने वाला खेल शीतल ने पैरों से खेलकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. शीतल को अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. उन्हें एशियाई पैरालंपिक समिति की ओर से वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट चुना गया. विश्व तीरंदाजी की ओर से साल 2023 की सर्वश्रेष्ठ महिला पैरा तीरंदाज चुना गया.