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Asian Games 2023: पिता के पास नहीं थे पैसे, उधार लेकर बेटी के लिए खरीदे एयर राइफल, अब Mehuli Ghosh ने एशियन गेम्स में दिलाया मेडल

एशियन गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में भारत ने सिल्वर मेडल जीता है. पश्चिम बंगाल के हुगली के छोटे से कस्बे की रहने वाली मेहुली घोष भी इस टीम का हिस्सा रही. एक वक्त ऐसा भी था, जब उनके पिता के पास एयर राइफल खरीदने के पैसे नहीं थे.

एशियन गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में भारत ने सिल्वल मेडल जीता (Photo/Instagram) एशियन गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में भारत ने सिल्वल मेडल जीता (Photo/Instagram)

एशियन गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में भारत ने सिल्वर मेडल जीता है. मेहुली घोष, रमिता जिंदल और आशी चौकसे की तिकड़ी ने भारत को मेडल दिलाया. टीम इंवेंट में सिल्वर मेडल दिलाने वाली मेहुली घोष पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं. उनका घर हुगली जिले के वैद्यबाटी में है. बेटी की इस सफलता पर वैद्यबाटी में खुशी का माहौल है. मेहुली घोष को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा.

राइफल खरीदने के लिए नहीं थे पैसे-
मेहुली घोष ने मेहनत और संघर्ष से ये मुकाम हासिल किया है. एक समय ऐसा भी था, जब उसके पास उन्नत किस्म के राइफल नहीं थी. उसके खरीदने के लिए परिवार के पास पैसे नहीं थे. पिता ने दोस्तों और सगे-संबंधियों से मदद ली और बेटी के लिए एयर राइफल खरीद कर दी. आज वही बेटी वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप से लेकर ओलंपिक और अब एशियन गेम्स में सफलता हासिल कर रही है.

मुश्किल से होती है मुलाकात- मां
मेहुली घोष की मां मिताली घोष ने बताया कि उसकी बेटी ने एयर राइफल शूटिंग के खेल को अपना जीवन समर्पित कर दिया है और परिवार के लोग भी उसके साथ बड़ी मुश्किल से मिल पाते हैं. तकरीबन दो-तीन वर्षों से वह घर से बाहर है. लेकिन उन्हें इस बात का मलाल नहीं है, क्योंकि उसकी बेटी देश का नाम दुनिया में रोशन कर रही है. मिताली घोष ने कहा कि उन्हें और भी खुशी होती, अगर सिल्वर की जगह गोल्ड मेडल आता. मिताली घोष ने बताया कि देश के लिए प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीतकर उसकी बेटी जब स्वदेश वापस लौटेगी, तब उससे मिलने की खुशी वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती.

मेहनत का फल मिला- पिता
मेहुली घोष के पिता निमाई घोष का कहना है कि बेटी की सफलता पर उन्हें भी खुशी है, लेकिन खुशी और दुगनी होती, अगर उसने गोल्ड मेडल जीता होता. उन्होंने यह भी कहा कि एशियाई गेम्स चीन में हो रहा है, इसका फायदा चीन के खिलाड़ियों को मिलेगा ही. बड़ी मेहनत और लगन के साथ उनकी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है और आगे भी वह एयर राइफल शूटिंग के खेल में देश और बंगाल का नाम रोशन करने की मुहिम में लगी रहेगी.

(हुगली से भोला नाथ साहा की रिपोर्ट)

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