18 साल की धावक लक्षिता संडीला ने खेल की दुनिया में भारत का नाम रौशन किया है. उन्होंने दक्षिण कोरिया में एशियाई अंडर 20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. मिडिल डिस्टेंस रनर ने 1500 मीटर में गोल्ड मेडल जीतकर एक और उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले धावक ने फ्रांस में आईएसएफ वर्ल्ड स्कूल जिम्नेसियाड में 3 सिल्वर मेडल जीते थे. गोल्ड मेडल जीतने के बाद लक्षिता ने कोच, माता-पिता और समर्थकों को शुक्रिया कहा.
लक्षिता ने तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड-
लक्षिता ने फिनिश लाइन 4 मिनट 24.23 सेकंड में पूरा किया और अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया. लक्षिता का पिछला व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4 मिनटर 26.48 सेकंड का था. लेकिन इस बार उसने 2 सेकंड पहले फिनिश लाइन पार किया.
टैक्सी ड्राइवर की बेटी हैं लक्षिता-
लक्षिता का परिवार गुजरात के वड़ोदरा में रहता है. उनके पिता टैक्सी ड्राइवर हैं. उनके पिता का नाम विनोद है. लक्षिता को हर मोड़ पर अपने पिता का साथ मिला. परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी. इसके बावजूद पिता ने बेटी के सपनों को पूरा करने में पूरी मदद की. विनोद के सामने अपनी बेटी की ट्रेनिंग के लिए फंड जुटाने की बड़ी चुनौती थी.
कोच और एनजीओ ने की मदद-
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक विनोद ने कुछ महीनों पहले बताया था कि खेल को लेकर लक्षिता की इच्छाशक्ति को देखते हुए कुछ एनजीओ ने आर्थिक मदद के लिए आगे आए हैं. उनका कहना है कि लक्षिता को ट्रेनिंग, अच्छे जूते और अच्छे फिजियो की जरूरत है. इसमें एनजीओ और कोच रिप्पनदीप रंधवाना ने मदद की.
14 साल की उम्र में शुरू की थी ट्रेनिंग-
लक्षिता संडीला उस इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने पीटी उषा के वीडियो को देखकर बहुत कुछ सीखा है और मैं उनको अपना आदर्श मानती हैं. लक्षिता ने बताया कि जब वो 14 साल की थी, तब उन्होंने एथलेटिक्स की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. इससे पहले वो हॉकी खेलती थी. लक्षिता को एक रिश्तेदार ने व्यक्तिगत खेल चुनने की सलाह दी थी. वो एक कोच भी थे. उनकी सलाह लक्षिता ने एथलेटिक्स को चुना.
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