अंजू बॉबी जॉर्ज विश्व एथलेटिक्स में पहली भारतीय महिला हैं, जिन्हें पदक मिला है. अंजू ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक पर कब्जा जमाकर देश-दुनिया में इंडिया का नाम रोशन किया है. केरल में चंगनाश्शेरी तालुक के चीरांचिरा गांव में 19 अप्रैल 1977 को जन्म लेने वाली अंजू आज बहुत सी महिला खिलाड़ियों के लिए आदर्श हैं. आइए जानते हैं एक किडनी होने के बावजूद खेल के क्षेत्र में अपना डंका बजाने वाली अंजू बॉबी जॉर्ज की कहानी.
शुरू में पिता ने सिखाए एथलेटिक्स के गुर
अंजू बॉबी जॉर्ज को शुरू में उनके पिता केटी मारकोस ने एथलेटिक्स के गुर सिखाए. अंजू को पहला प्रशिक्षण कोरूथोड स्कूल में मिला. स्कूली शिक्षा सीकेएम कोरूथोड स्कूल से पूरी करने के हाद विमला कॉलेज, त्रिशूर से स्नातक किया. अंजू ने 1991 में स्कूल एथलेटिक्स सम्मेलन में 100 मीटर हर्डल व रिले दौड़ जीती. इसके अलावा लॉन्ग जंप और हाई जंप में दूसरा स्थान हासिल किया. अंजू की प्रतिभा नेशनल स्कूल गेम्स में सबकी नजरों में आ गई.
नेशनल रिकॉर्ड बनाया
अंजू ने शुरू में हेप्टाथलान से करियर का आगाज किया लेकिन जल्द ही उन्होंने अपना सारा ध्यान लॉन्ग जंप में लगा दिया. 1996 में उन्होंने दिल्ली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में पदक अपने नाम किया. 1999 में अंजू ने बेंगलुरु फेडरेशन कप में ट्रिपल जंप का नेशनल रिकॉर्ड बनाया. इसी साल अंजू ने साउथ एशिया फेडरेशन गेम्स, नेपाल में सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद देश-दुनिया में उनका नाम हो गया.
साल 2000 में एक किडनी होने का चला पता
अंजू को साल 2000 में पता चला था कि उनके शरीर में सिर्फ एक ही किडनी है. उस वक्त वह अपने करियर के पीक पर थीं. अंजू ने बताया कि यह सच जानकर वह हैरान रह गईं थीं कि लेकिन उस वक्त उनके कोच और अब पति ने उनका हौसला बढ़ाया. डॉक्टरों ने कहा कि आप खेलना जारी रख सकती हैं. इसके बाद अंजू ने साल 2002 में मैनचेस्टर में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने 6.49 की छलांग लगाकर कांस्य पदक भारत को दिलाया. इसी साल दक्षिण कोरिया, बुसान में आयोजित एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
6.70 मीटर लंबी लगाई थी छलांग
अंजू बॉबी जॉर्ज ने साल 2003 में ऐसा कर दिखाया जो अभी तक किसी भारतीय एथलीट ने नहीं हासिल किया था. उन्होंने पेरिस में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर लंबी छलांग लगाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कर दिया. वह वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली पहली एथलीट बनीं. उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मिला था. इसी साल एफ्रो एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल भी जीता था. अंजू ने अपने कोच रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज से ही शादी की है. अंजू उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत भी उन्हें मानती हैं.
पद्मश्री से सम्मानित
अंजू को खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था. 2004 में उन्हें भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. अंजू बॉबी जॉर्ज को वर्ल्ड एथलेटिक्स ने वुमेन ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया था