इंडियन क्रिकेट टीम का वो खिलाड़ी, जिसकी कलाई पोलियो के चलते बेजान हो गई थी. लेकिन इस कमजोरी को इस खिलाड़ी ने अपनी मजबूती बना ली और क्रिकेट का बड़ा नाम बन गया. उस खिलाड़ी का नाम भागवत सुब्रमण्यम चंद्रशेखर है. उन्होंने इंग्लैंड की धरती पर टीम इंडिया की पहली टेस्ट जीत में अहम भूमिका निभाई थी. चलिए आपको इस दिग्गज खिलाड़ी की कहानी बताते हैं.
6 साल की उम्र में पोलियो का शिकार-
17 मई 1945 को चंद्रशेखर का जन्म मैसूर में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मैसूर में ही हुई. लेकिन जब चंद्रशेखर 6 साल के थे तो उनके साथ एक बड़ा हादसा हुआ. वो पोलियो के शिकार हो गए. जिसका असर उनके दाहिना हाथ पर हुआ. काफी इलाज के बाद 10 साल की उम्र में उनका हाथ ठीक हुआ. लेकिन इसका असर हाथों में दिख जाता था.
10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया-
जब पोलियो का असर कुछ कम हुआ तो चंद्रशेखर ने क्रिकेट खेलना शुरू किया. उनका परिवार बेंगलुरू चला गया. चंद्रशेखर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने रबड़ की गेंद से क्रिकेट खेला और लेदर की गेंद के खेलने के लिए क्लब में शामिल हुए. साल 1963 में उन्होंने लेग स्पिनर बनने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
साल 1964 में टीम इंडिया में मिला मौका-
साल 1964 में चंद्रशेखर को टीम इंडिया में चुन लिया गया. उनको घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया. इस मैच में चंद्रशेखर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. उन्होंने 4 खिलाड़ियों को आउट किया था. इसी साल उनको भारतीय क्रिकेटर ऑफ द ईयर नामित किया गया था.
पोलियो की कमजोरी को बनाया मजबूती-
पोलियो के चलते चंद्रशेखर अलग तरह के गेंदबाज थे. अपनी बांह और कलाई के चलते वो अलग तरह से गेंदबाजी करते थे. उनकी कलाई साधारण गेंदबाजों के मुकाबले ज्यादा मुड़ जाती थी, जो बाकी स्पिनर्स से उनको अलग बनाती थी. इसके चलते वो काफी तेज गेंद फेंकते थे.
इंग्लैंड की धरती पर दिलाई थी पहली टेस्ट विजय-
चंद्रशेखर ने अपनी गेंदबाजी से टीम इंडिया को कई मैचों में जीत दिलाई थी. इंग्लैंड की धरती पर टीम इंडिया की पहली जीत में उनकी अहम भूमिका रही. भारत ने ओवल में अपना पहला टेस्ट मैच जीता था. इस मैच में चंद्रशेखर ने 38 रन देकर 6 विकेट चटकाए थे. टीम इंडिया ने टेस्ट सीरीज पर भी कब्जा किया था.
ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भी टीम इंडिया की पहली टेस्ट विजय में चंद्रशेखर ने शानदार प्रदर्शन किया था. साल 1978 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में चंद्रशेखर ने 104 रन देकर 12 विकेट चटकाए थे. उन्होंने दोनों पारियों में 6-6 विकेट लिए थे.
58 टेस्ट मैचों में 242 विकेट चटकाए-
चंद्रशेखर ने भारत के लिए 58 टेस्ट मैच खेला. जिसमें उन्होंने 29.74 की औसत से 242 विकेट लिए. जबकि अपने वनडे करियर में उन्होंने सिर्फ एक मैच खेला. जिसमें उन्होंने 3 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा था. चंद्रशेखर ने अपने करियर में 16 बार एक पारी में 5 विकेट लिए थे. जबकि एक टेस्ट मैच में दो बार 10 विकेट लिए थे. टेस्ट में उनका सबसे बेहतरीन प्रदर्शन एक पारी में 8 विकेट था.
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