कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन्ग जंपर मुरली श्रीशंकर ने इतिहास रच दिया है. श्रीशंकर लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट बन गए हैं. श्रीशंकर ने 8.08 मीटर के साथ सिल्वर मेडल जीता. इससे पहले साल 2002 में भारत की अंजू बॉबी ने ब्रॉन्ज और 2010 में प्रज्यूषा ने सिल्वर मेडल जीता था. श्रीशंकर लॉन्ग जंप में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहले पुरुष एथलीट हैं.
श्रीशंकर और गोल्ड मेडल जीतने वाले बहामास के लकन नैरन ने 8.08 मीटर का जंप लगाया. लेकिन श्रीशंकर ने ये स्टोर पांचवें प्रयास और नैरन ने इसे दूसरे प्रयास में हासिल किया. इसलिए लकन नैरन को गोल्ड मेडल मिला. साउथ अफ्रीका के जोवान वान वूरन को ब्रॉन्ज मेडल मिला.
कौन हैं मुरली श्रीशंकर-
मुरली श्रीशंकर का जन्म 27 मार्च 1999 को केरल के पल्लकड में हुआ था. बचपन से मुरली खेलों से जुड़े रहे. दरअसल उनके माता-पिता एथलीट रहे हैं. उनके पिता एस. मुरली दक्षिण एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं. जबकि उनकी मां केएस बिजिमोल एशियाई जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था. उनको ये मेडल 800 मीटर की दौड़ में मिला था. उनकी बहन श्रीपारवती भी हैप्थेलॉन की खिलाड़ी हैं. श्रीशंकर के पिता ने उनको ट्रेनिंग दी और उनके कोच भी पिता ही हैं.
4 साल की उम्र से मैदान तक पहुंचे-
मुरली श्रीशंकर जब 4 साल के थे तो पिता उनको अपने साथ प्रैक्टिस में ले जाते थे. इनके पिता उनको धावक बनाना चाहते थे. उसके लिए बचपन से उनको ट्रेनिंग भी देने लगे. अंडर-10 चैंपियनशिप में 50 मीटर और 100 मीटर में स्टेट चैंपियन भी बन गए. लेकिन श्रीशंकर का मन तो किसी और खेल में लगता था. जब श्रीशंकर 13 साल के हुए तो दौड़ना छोड़ दिया. उन्होंने ट्रिपल जंप को करियर के तौर पर अपनाने का फैसला किया. इसके बाद श्रीशंकर लगाकर प्रैक्टिस करने लगे. आज श्रीशंकर ने इतिहास रच दिया है और देश के लिए सबसे पहला सिल्वर मेडल हासिल वाले पुरुष एथलीट बन गए हैं.
श्रीशंकर के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज-
मुरली श्रीशंकर के नाम राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी दर्ज है. हाल ही में उन्होंने 8.36 मीटर की छलांग लगाकर रिकॉर्ड बनाया था. विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी श्रीशंकर ने रिकॉर्ड बनाया था. हाल ही में अमेरिका में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था. उसमें भी श्रीशंकर ने इतिहास रचा था. श्रीशंकर विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाले भारत के पहले एथलीट बने थे. उनसे पहले ये कारनामा किसी ने नहीं किया था. उस दौरान उन्होंने 7.96 मीटर की छलांग लगाई थी. 8.26 मीटर की छलांग लगाकर टोक्यो ओलंपिक के लिए टिकट हासिल किया था. लेकिन ओलंपिक में इस प्रदर्शन को कायम नहीं रख सके और फाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे.
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