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Border Gavaskar Trophy 2024: जब आखिरी बार पर्थ में भिड़े थे भारत-ऑस्ट्रेलिया! चला था कोहली बल्ला, जानिए कैसा रहा था मैच

भारत और ऑस्ट्रेलिया छह साल बाद एक बार फिर पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में आमने-सामने होने जा रहे हैं. इस बार पर्थ के इस नए स्टेडियम में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की पौं फटेगी. छह साल पहले जब दोनों टीमें इस मैदान पर आमने-सामने आई थीं तो क्या हुआ था, पढ़िए.

भारत-ऑस्ट्रेलिया 22 नवंबर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत करेंगे. भारत-ऑस्ट्रेलिया 22 नवंबर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत करेंगे.
हाइलाइट्स
  • पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भिड़ेंगे भारत-ऑस्ट्रेलिया

  • 10 साल से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर है भारत का दबदबा

भारतीय क्रिकेट टीम 22 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज की शुरुआत करने जा रही है. पिछले एक दशक में इस सीरीज पर भारत का दबदबा रहा है. भारत ने जहां ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में पिछली दो टेस्ट सीरीज हराई हैं, वहीं कंगारू टीम भारत आकर भी हारी ही है.

इस बार दोनों देशों के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम (Optus Stadium Perth) पर होगी. भारत जब 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गया था तो दोनों देश पर्थ में नहीं भिड़े थे. लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2018 में इस 'रन'भूमि पर भारत-ऑस्ट्रेलिया की भिड़ंत हुई थी. इस मैच में कौनसे खिलाड़ी चमके थे और किस टीम ने बाज़ी मारी थी, आइए डालते हैं एक नज़र.

जब पर्थ की हरी पिच पर भिड़े 
एडिलेड में हुआ पहला टेस्ट जीतने के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास के साथ पर्थ आई थी. लेकिन यहां ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर भारत पर मानसिक बढ़त हासिल कर ली. घरेलू परिस्थितियों में पहले बल्लेबाजी करते हुए 326 रन बनाए थे. इस बड़े स्कोर में जहां सलामी बल्लेबाज मार्कस हैरिस ने 70 रन का योगदान दिया था. 

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ऐरन फिंच ने 50 और ट्रैविस हेड ने 58 रन बनाए थे. तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पर्थ की हरी पिच पर भारत बुरी तरह पिछड़ सकता था. अगर कप्तान विराट कोहली न होते तो.

किंग कोहली ने जड़ा था जुझारू शतक
भारतीय बल्लेबाज कंगारू गेंदबाजों की स्विंग के आगे बेढब नजर आ रहे थे. नतीजा यह हुआ कि 326 रन के जवाब में भारत ने आठ रन पर ही दो विकेट गंवा दिए. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज आग उगल रहे थे, लेकिन फिर बारी आई किंग कोहली की. इस मुश्किल पिच पर कोहली ने अनुशासन और फोकस की मिसाल कायम कर दी. 

उन्होंने न सिर्फ सीधे बल्ले से खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को अटैक किया, बल्कि कभी-कभी अंदर की तरफ टर्न होती हुई नेथन लायन की गेंदों को भी आगे बढ़कर कवर्स में खेला. कोहली ने इस मैच में शानदार शतक जड़ते हुए 257 गेंद पर 13 चौकों और एक छक्के की मदद से 123 रन बनाए. 

कोहली आज भी पर्थ के शतक को अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी मानते हैं. उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने ऑलआउट होने से पहले 283 रन बनाए. हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने 43 रन की बढ़त हासिल कर ली थी.

दूसरी पारी में भारी पड़े ख्वाजा
मोहम्मद शमी की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने दूसरी पारी में यूं तो शानदार वापसी की, लेकिन तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले उस्मान ख्वाजा की धैर्यवान पारी भारत के लिए भारी साबित हुई. ऑस्ट्रेलिया के बाकी बल्लेबाज जहां 40 रन का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके, वहीं ख्वाजा ने 72 रन बनाए. 

अपनी  213 गेंदों की अनुशासित पारी में ख्वाजा ने सिर्फ पांच चौके जड़े. और ऑस्ट्रेलिया को 243 रन के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया. उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 287 रन का लक्ष्य रखा. भारत 140 रन पर ही ऑलआउट हो गया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से नेथन लायन और मिचेल स्टार्क ने तीन-तीन विकेट लिए थे. जबकि पैट कमिंस और जॉश हेज़लवुड को दो-दो विकेट हासिल हुए थे. भारत ने हालांकि इस हार से उभरकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2-1 से जीत ली थी. 

कुछ ऐसा है यहां ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड
पर्थ शहर पारंपरिक तौर से वाका मैदान के लिए पहचाना गया है लेकिन पिछले छह सालों से ऑप्टस स्टेडियम इस शहर के टेस्ट मैचों की मेजबानी करता रहा है. खास बात यह है कि इस मैदान पर खेले गए चार टेस्ट मैचों में से ऑस्ट्रेलिया एक भी नहीं हारा है. अब 22 नवंबर से भारत के पास यह तिलिस्म तोड़ने का मौका होगा.