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Boxing World Championship: निकहत जरीन ने गोल्ड पर लगाया पंच, वियतनाम की गुयेन को हरा दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बन रचा इतिहास

women world boxing championship में भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा जारी है. रविवार को Boxer Nikhat Zareen ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में दो बार की एशियन चैंपियन Vietnam की Nguyen Thi Tam को 5-0 से हराकर दूसरी बार खिताब जीत लिया.

 Nikhat Zareen (Photo PTI) Nikhat Zareen (Photo PTI)
हाइलाइट्स
  • 50 किग्रा भारवर्ग में गुयेन थी टैम को 5-0 से हराया

  • निकहत जरीन ने 11 महीने में तीसरा स्वर्ण पदक किया अपने नाम 

भारत की स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन ने दिल्ली में आयोजित वूमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में रविवार को इतिहास रच दिया. वह लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई हैं. 50 किग्रा वेट कैटेगरी में भारतीय स्टार ने अपने मुक्कों का दम दिखाया और दो बार की एशियन चैंपियन वियतनाम की गुयेन थी टैम को 5-0 से हराकर खिताब जीत लिया. इसी के साथ इस चैंपियनशिप में भारत का ये तीसरा गोल्ड मेडल है.

विपक्षी मुक्केबाज को वापसी का मौका नहीं दिया
फाइनल मुकाबले के पहले से लेकर तीसरे राउंड के हर एक सेकेंड में भारतीय स्टार निकहत का दबदबा रहा. उन्होंने विपक्षी मुक्केबाज को वापसी का कोई मौका ही नहीं दिया. पहले राउंड में निकहत पूरी तरह से हावी रही. उन्होंने विपक्षी मुक्केबाज को गलती करने के लिए मजबूर किया और पहले ही राउंड में वियतनाम की मुक्केबाज को येलो कार्ड मिल गया. पहला राउंड भारतीय मुक्केबाज ने एकतरफा अंदाज में जीता.

कुछ ऐसा रहा बॉक्सिंग का सफर
निकहत का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ था. उनके पिता का नाम मोहम्मद जमील अहमद और मां का नाम परवीन सुल्ताना है. निकहत ने महज 13 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू कर दी थी, लेकिन उनके लिए यह आसान नहीं था. समाज की तरफ से उन पर हिजाब पहनने का दबा डाला गया. हालांकि, निकहत के पास उनके परिवार का समर्थन था और वह इन सब चीजों से लड़ते हुए कड़ी प्रैक्टिस पर लगी रहीं. निकहत लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थीं और इस पर भी कई तरह की बातें की जाती थीं, लेकिन वह सब कुछ अनसुना करते हुए अपने बॉक्सिंग करियर को लेकर लगी रहीं.

निकहत के प्रमुख पदक
1. 2011 में महिला जूनियर युवा विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती.
2. 2014 में युवा विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक पर कब्जा जमाया.
3. 2014 में नेशन कप अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट अपने नाम किया.
4. 2015 में सीनियर महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप जीती.
5. 2019 में थाईलैंड ओपन में रजत और स्त्रांजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता.
6. 2022 में स्त्रांजा बॉक्सिंग टूर्नामेंट और महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.
7. 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता.
8. 2023 महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.

सबसे अधिक मेरीकॉम ने 6 बार जीता है गोल्ड मेडल
26 साल की निकहत जरीन ने पिछले साल वूमेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता था. भारतीय दिग्गज एमसी मेरीकॉम ने इस चैम्पियनशिप में रिकॉर्ड 6 बार गोल्ड मेडल (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018) जीते हैं. वहीं सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), नीतू घनघस (2023) और स्वीटी बूरा (2023) भी इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय बॉक्सर हैं. 

भारत को मिला तीसरा स्वर्ण पदक 
यह मौजूदा वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का तीसरा स्वर्ण पदक है. निखत से पहले शनिवार को 48 किग्राभार वर्ग में नीतू घनघस और 81 किग्रा भारवर्ग में स्वीटी बूरा ने अपने नाम स्वर्ण पदक किए. निखत ने भी अपने धमाकेदार पंच का दम दिखाते हुए तीसरा स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाल दिया है. ऐसे में भारत के लिए गोल्डन चौका जड़ने की उम्मीद ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन से है. उनका फाइनल मुकाबला रविवार रात 7:45 बजे होना है. दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना की 75 किग्रा भारवर्ग में ऑस्ट्रेलिया की पार्कर एनी से भिड़ंत होगी.