Commonwealth Games 2022: बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत के हिस्से एक और गोल्ड आ गया है. मंगलवार को एक ऐसे खेल में भारत की टीम ने मेडल जीत लिया है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. भारत की महिला लॉन बाउल्स टीम ने साउथ अफ्रीका को हराते हुए ये मेडल अपने नाम किया है. 4 लोगों की इस टीम में रूपा रानी टिर्की, पिंकी सिंह, नयनमोनी सैकिया और लवली चौबे ने भारत का प्रतिनिधित्व किया. आपको बता दें, ये चारों महिलाएं काफी आम घरों से ताल्लुक रखती हैं और बहुत पहले से इस खेल की तैयारी कर रही थी.
बता दें, भारत की महिला टीम ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हराया है. इसी के साथ लॉन बाउल्स में देश के लिए पहला पदक है.
चलिए जानते हैं इनके बारे में ............
1. झारखंड पुलिस में कांस्टेबल हैं लवली चौबे
लवली झारखंड पुलिस में एक कांस्टेबल हैं. एक समय था जब लवली चौबे अपनी युवावस्था में झारखंड की एक होनहार लॉन्ग जम्पर हुआ करती थीं. वे पूर्वी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती थीं. हालांकि, उनका शुरुआत से ही सपना था कि वे भारत का प्रतिनिधित्व करें.
लवली की उपलब्धियों की बात करें, तो उन्हें खाते में 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 5वां स्थान, 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में भागीदारी, 10वीं एशियाई लॉन बाउल्स चैंपियनशिप और 8वीं अंडर 25 चैंपियनशिप 2014 में और सिंगल्स में 2 सिल्वर मेडल शामिल हैं. इसके अलावा, एशिया पैसिफिक मर्डेका कप 2013 में मिक्स्ड पेयर में गोल्ड मेडल भी उनके नाम है.
2. रांची में ट्रेनर हैं रूपा रानी टिर्की
रूपा रानी टिर्की झारखंड के रांची से ताल्लुक रखती हैं. वे शुरुआत में कबड्डी खेलती थीं, और फिर उन्हें इस खेल का पता चला तो वे ह लॉन बाउल्स की ओर बढ़ गईं. उनके पिता एक पोस्ट ऑफिस में काम करते थे. रूपा रानी अब रामगढ़ में एक खेल जिलाधिकारी हैं. उनकी उपलब्धियों की बात करें, तो 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में चौथा स्थान, 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में 5वां स्थान, एशिया पैसिफिक बाउल्स चैंपियनशिप 2009 में गोल्ड मेडल उनके नाम पर दर्ज है.
3. असम पुलिस में कांस्टेबल हैं नयनमोनी सैकिया
नयनमोनी सैकिया असम में फॉरेस्ट ऑफिसर हैं. असम के सरुपथर के एक सुदूर गांव तेंगाबारी की रहने वाली कुल 33 साल की हैं. वे पहले वेटलिफ्टर थीं और इसी दौरान 2001 में टैलेंट हंट के माध्यम से SAI गोलाघाट सेंटर का हिस्सा बनी थीं. उस दौरान नयनमोनी ने कई बार अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया. हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें लॉन बाउल्स के बारे में पता चला और 2007 से ही उनका ये नया सफर शुरू हो गया. नयनमोनी सैकिया के नाम पर U-25 गर्ल्स सिंगल्स एशियन चैंपियनशिप 2012 में 1 गोल्ड मेडल, 12वीं एशियाई चैंपियनशिप 2017 के महिला ट्रिपल्स में गोल्ड मेडल, 34वें नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जैसी उपलब्धियां शामिल हैं.
4. दिल्ली में टीचर हैं पिंकी सिंह
पिंकी सिंह दिल्ली की रहने वाली हैं और आर के पुरम स्कूल में एक खेल शिक्षिका हैं. 2009 में एशिया पैसिफिक बाउल्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीतकर पहली बार उन्हें इंटरनेशनल गेम में नाम करने का मौका मिला था. पिंकी सिंह ने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रिपल इवेंट में भाग लिया था और चौथा स्थान हासिल किया था. इसके अलावा, पिंकी ने 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.