कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का मेडल जीतने का सिलसिला बरकरार है. रोजाना भारत के खिलाड़ी मेडल जीत रहे हैं. इस कड़ी में अब जूडो खिलाड़ी तूलिका मान का नाम भी जुड़ गया है. 23 साल की तूलिका मान ने जूडो में सिल्वर मेडल जीता है. 78 प्लस किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन से तूलिका का मुकाबला हुआ. लेकिन इस मुकाबले को स्कॉटलैंड की खिलाड़ी ने जीत लिया. तूलिका मान ने न्यूजीलैंड की खिलाड़ी सिडनी एंड्रयूज को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. लेकिन उनको सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा. तूलिका मान चार बार की नेशनल चैंपियन है.
CWG में तूलिका का सफर-
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में तूलिका मान का पहला मुकाबला मॉरीशस की ट्रैसी डुरहोन से था. तूलिका ने इपपोन के जरिए एक अंक हासिल किया और ये निर्णायक साबित हुआ. मॉरीशस की खिलाड़ी ने पेनाल्टी के दो अंक भी गंवाए थे. जिसकी वजह से तूलिका की जीत तय हो गई थी. तूलिका मान का दूसरा मुकाबला न्यूजीलैंड की सिडनी से था. सिडनी एंड्रयूज ने कड़ी टक्कर दी. लेकिन तूलिका ने इपपोन के जरिए एक अंक हासिल किया और मैच पर पकड़ बना ली. तीसरे मैच में तूलिका को स्कॉटलैंड की खिलाड़ी सारा एडलिंगटन ने इपपोन के जरिए हरा दिया. फाइनल में भी सारा ने ही तूलिका से मात दी.
जूडो में तूलिका का सफर-
तूलिका मान शुरुआत से ही जूडो की प्रतिभावान खिलाड़ी रही हैं. तूलिका चार बार की नेशनल चैंपियन रही हैं. तूलिका विश्व कप में सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. जूनियर लेवल पर दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. तूलिका साल 2019 से इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन के विश्व टूर में हिस्सा ले रही हैं. तूलिका ने ताइपे में एशियन ओपन में तूलिका ने कांस्य पदक जीता था. साल 2017 में उन्होंने बुडापेस्ट में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लिया. साल 2019 में तूलिका वॉलशाल में कॉमनवेल्थ चैंपियन बनी. इससे पहले साल 2018 में भी तूलिका ने जयपुर में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप जीती थी.
कौन हैं तूलिका मान-
तूलिका मान का जन्म 9 सितंबर 1998 को दिल्ली में हुआ था. तूलिका की परवरिश उनकी मां ने की है. उनकी मां अमृता सिंह दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं. तूलिका जब दो साल की थी तो उनके पिता सतबीर मान की हत्या कर दी गई थी. बिजनेस में रंजिश के चलते सतबीर मान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पिता के जाने के बाद तूलिका के पालन-पोषण की जिम्मेदारी मां पर आ गई. तूलिका की माँ अमृता सिंह ने कहा कि जब उनके पति गए तो उस वक़्त तूलिका सिर्फ 2 साल की थी. शुरुआत में नौकरी की व्यस्तता की वजह से घर के पास के एक क्लब में तूलिका को भर्ती करा दिया था. वहां से पसीना बहाते बहाते आज तूलिका ने देश का नाम रोशन किया है. तूलिका की मां ने कहा कि वो तो चाहती थीं कि तूलिका पढ़ाई में मन लगाए. लेकिन तूलिका का ध्यान जुडो की तरफ था. फिलहाल तूलिका मान गोरखपुर के गुरुकुल पीजी कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रही हैं.
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