कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के 23वें संस्करण का आयोजन स्कॉटलैंड के ग्लासगो शहर में होगा. 23 जुलाई से 2 अगस्त 2026 तक होने वाले इस राष्ट्रमंडल खेलों को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. इससे भारत को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल, बर्मिंघम में पिछली बार आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में 19 खेलों को शामिल किया गया था. उनमें से इस बार10 गेम्स को बाहर कर दिया गया है. जो खेल हटाए गए हैं, उनमें भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस बार पिछली बार से कम पदक भारत की झोली में आ सकते हैं.
कम बजट के कारण खेलों की संख्या घटाई गई है. इससे पहले ग्लास्गो ने 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी. अब फिर इस शहर में खेलों का आयोजन किया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया में पहले यह कॉमनवेल्थ गेम्स होने थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने आयोजन से इनकार कर दिया था. इसके बाद गेम्स को ग्लासगो में कराने का फैसला किया गया. एक तरफ जहां 10 खेलों को हटाया गया है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ खेल ऐसे भी हैं, जिन्हें इस एडिशन के लिए शामिल किया गया है.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 से कौन-कौन से खेल हटाए गए
1. हॉकी
2. क्रिकेट
3. बैडमिंटन
4. रेसलिंग
5. रग्बी 7 एस
6. डाइविंग
7. स्कवैश
8. टेबल-टेनिस
9. बीच वॉलीबॉल
10. ट्रायथलॉन
किन खेलों को किया गया शामिल
1. एथलेटिक्स, पैरा एथलेक्टिस
2. स्विमिंग, पैरा स्विमिंग
3. आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक
4. ट्रैक साइकिलिंग
5. पैरा ट्रैक साइकिलिंग
6. नेटबॉल, बॉक्सिंग, जूडो
7. बॉल्स, पैरा बॉल्स
8. वेटलिफ्टिंग, पैरा पावरलिफ्टिंग
9. 3x3 बास्केटबॉल
10. 3x3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल
इन चार स्थानों पर होगा खेलों का आयोजन
राष्ट्रमंडल खेल महासंघ के बयान के अनुसार इन सभी 10 खेलों को 4 वेन्यू पर खेला जाएगा. इन वेन्यू में स्कॉट्सटाउन स्टेडियम, टोलक्रॉस इंटरनेशनल स्विमिंग सेंटर, एमिरेट्स एरिना (सर क्रिस होय वेलोड्रोम सहित) और स्कॉटिश इवेंट कैंपस (एसईसी) शामिल हैं. इसके अलावा एथलीटों और उनके सहयोगी स्टाफ को होटल ठहराया जाएगा.
हॉकी और शूटिंग को क्यों हटाया गया
हॉकी को 1998 में राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल किया गया था और तब से यह खेल इसमें शामिल है. अब पहली बार होगा जब हॉकी को शामिल नहीं किया गया है. कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 खत्म होने के सिर्फ 2 सप्ताह के बाद ही हॉकी वर्ल्ड कप का आयोजन होना है. इसका शेड्यूल 15 अगस्त से 30 अगस्त के बीच है, जो वावरे, बेल्जियम और अम्स्टेलवीन और नीदरलैंड्स में होगा. ऐसा माना जा रहा है कि इसे देखते हुए हॉकी को हटाने का फैसला किया गया है. हॉकी के बाहर होने से भारत को बड़ा झटका लगा है.
इसमें मेंस टीम ने तीन बार सिल्वर और दो बार ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी है. वहीं विमेंस टीम ने एक गोल्ड मेडल समेत कुल 3 मेडल हासिल किए हैं. हॉकी के अलावा शूटिंग और रेसलिंग, दो ऐसे खेले हैं, जिनमें पिछले एडिशन में भारतीय एथलीट्स मेडल हासिल कर चुके हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स स्कॉटलैंड ने अपने प्रपोजल में बताया था कि सभी प्रतियोगिताओं का वेन्यू करीब 12 किलोमीटर के रेंज में होगा लेकिन शूटिंग रेंज ग्लासगो से करीब 100 किलोमीटर दूर है इसलिए इसे भी लिस्ट से हटाया गया.
भारत ने बर्मिंघम में जीते थे इतने पदक
28 जुलाई से 8 अगस्त 2022 तक इंग्लैंड के बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन किया गया था. यह राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की 18वीं उपस्थिति थी. जुलाई 2022 में 16 खेलों में भाग लेने वाली 106 पुरुषों और 104 महिलाओं की भारतीय टीम की घोषणा की गई थी. भारत ने बर्मिंघम में 22 स्वर्ण सहित 61 पदक जीते थे. कुश्ती में 12, मुक्केबाजी और टेबल टेनिस में सात-सात, बैडमिंटन में छह, हॉकी और स्क्वैश में दो-दो और क्रिकेट में एक पदक जीते थे.
अब तक भारत आए इतने पदक
1. भारत राष्ट्रमंडल खेलों के 18 संस्करणों में हिस्सा ले चुका है. इसमें कुल 564 पदक जीते हैं.
2. भारत ने निशानेबाजी में 135 पदक जीते हैं. इनमें 63 गोल्ड, 44 सिल्वर और 28 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं
3. कुश्ती में भारत ने 114 मेडल जीते हैं. इनमें 49 गोल्ड, 39 सिल्वर और 26 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
4. मुक्केबाजी में भारत ने 44 पदक जीते हैं.
5. भारत ने बैडमिंटन में 31 पदक जीते हैं. इनमें 10 गोल्ड, 8 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं.
6. टेबल टेनिस में 28 पदक जीते हैं.
7. मेंस हॉकी में भारत ने अब तक 3 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. विमेंस टीम ने इतिहास रचते हुए 2002 में गोल्ड जीता था. विमेंस हॉकी टीम कॉमनवेल्थ में 3 मेडल जीत चुकी हैं.
8. हॉकी, कुश्ती, बैडमिंटन, शूटिंग को मिलाकर भारत ने अब तक 286 मेडल जीते हैं. इनमें 149 गोल्ड शामिल हैं.
क्या है कॉमनवेल्थ गेम्स
आपको मालूम हो कि राष्ट्रमंडल खेल में कई खेल खेले जाते हैं. इसका आयोजन हर 4 साल में एक बार होता है. राष्ट्रमंडल खेलों का संचालन राष्ट्रमंडल खेल संघ करता है. राष्ट्रमंडल खेलों में वे सभी 53 देश शामिल हैं, जो कभी ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था के हिस्सा थे. कॉमनवेल्थ गेम्स में हर बार आयोजन करने वाला देश प्रतीक चुनता है.
कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास
राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन का विचार एक भारतीय एथली कपूर का था. वो खेल आयोजन को आपसी शांति और सौहार्द्र के लिए सही मानते थे. साल 1928 में बॉबी रॉबिंसन को राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई.साल 1930 में कनाडा के हेमिल्टन में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए गए. जिसमें 11 देशों के 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम में 4 बार बदलाव किया गया. शुरुआत में ब्रिटिश एंपायर खेल के नाम से पहचान मिली थी. लेकिन साल 1978 में इसका नाम कॉमनवेल्थ गेम्स रखा गया. साल 1998 कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार क्रिकेट, हॉकी और नेटबॉल की जगह दी गई.