scorecardresearch

Constable giving cricket coaching to girls: पंजाब पुलिस का यह कॉन्सटेबल अपने गांव की लड़कियों को दिला रहा है क्रिकेट की ट्रेनिंग

पंजाब पुलिस का एक कॉन्सटेबल पटियाला जिले के एक गांव में लड़कियों को क्रिकेट कोचिंग करा रहा है. इस काम के लिए वह अपनी सैलरी से एक हिस्सा खर्च करते हैं.

Representative image Representative image

पंजाब के पटियाला जिले के धारोकी गांव में एक खेत में पिछले चार साल से 9 से 14 साल की उम्र की 18 लड़कियां जर्सी नंबर और अपने नाम के साथ सफेद टी-शर्ट और पैंट पहनकर क्रिकेट का अभ्यास कर रही हैं. पंजाब पुलिस के सिपाही गुलाब सिंह शेरगिल (34) उनके कोच हैं, जो लड़कियों की क्रिकेट अकादमी चलाने के लिए अपनी सैलरी से एक हिस्सा खर्च कर रहे हैं. 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शेरगिल को यह ख्याल साल 2016 में आया थाजब वह राज्य पुलिस में भर्ती हुए और साल 2019 में उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. गुलाब का कहना है कि पहले उनके गांव में कोई खेल का मैदान नहीं था. यही कारण था कि एक प्रशिक्षित खिलाड़ी नहीं बन सके. वह खेलते थे और कमाई के लिए अपनी फसल को दूसरे राज्यों में ले जाकर बेचते थे. उन्होंने गुजरात के कुछ गांवों में देखा कि खेतों में प्लेग्राउंड बनाए गए. 

अपने गांव में बनाया खेल का मैदान 
गुलाब अपनी आमदनी से बचत कर जमीन की व्यवस्था करना चाहते थे. हालांकि, उनका प्लान काम न कर सका और उन्हें नुकसान के बाद हार्वेस्टिंग कंबाइन को बेचना पड़ा. हालांकि उनका कहना है, “साल 2016 में, मैंने पंजाब पुलिस में शामिल होने के लिए परीक्षा पास की. दो साल के प्रोबेशन के बाद, मैंने अपने गांव के उभरते युवाओं को प्रशिक्षित करने के अपने सपने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया, मैंने अपने गांव में खेल के मैदान की व्यवस्था करने के लिए पैसे बचाए."

पहले छत से हुई शुरुआत 
गुलाब ने 5 अगस्त, 2019 को गांव में अपने घर की छत पर सिर्फ तीन बच्चों के साथ शुरुआत की. उन्होंने पंजाब पब्लिक स्कूल पीपीएस नाभा के एक कोच अभिषेक जलोटा को काम पर रखा, क्योंकि वह अपनी अकादमी चला रहे थे. जलोटा ने अपने घर की छत पर 10 महीने तक कोचिंग की. 

अप्रैल 2020 में, उन्होंने ऐसे मैदान में शिफ्ट किया, जिसकी माप एक एकड़ से अधिक नहीं थी, इसे उन्होंने केवल तीन लड़कियों को प्रशिक्षित करने के लिए अपने खेतों से खुदवाया थ. फिर कोविड अटक गया तो बच्चे अपने घर और मोबाइल फोन तक ही सीमित हो गए. ऐसे में उन्होंने और माता-पिता से लड़कियों को क्रिकेट सीखने के लिए गुजारिश की जो रंग लाई.

बेटियां बढ़ा रही हैं सम्मान 
जुलाई 2021 में, उनकी एकेडमी की तीन लड़कियों ने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में संगरूर जिला टीम अंडर -19 के लिए खेला और पिछले साल, दो लड़कियों को जिला संगरूर के लिए अंडर -15 के लिए चुना गया था. इस साल ट्रायल जिला पटियाला में आयोजित किए गए हैं, लेकिन शॉर्ट-लिस्टिंग बाकी है. उन्हें उम्मीद है कि उनके गांव की सात लड़कियां पटियाला की अंडर-15 लड़कियों की टीम में जगह बना सकती हैं,. 

शाम 4.30 से 7.30 बजे तक गांव की लड़कियों को मौसम के अनुसार रोजाना तीन घंटे कोचिंग दी जाती है. गुलाब कहते हैं कि कुछ लड़कियां क्रिकेट मैट पर खेलती हैं. उनके पास अभ्यास के लिए दो सीमेंट की पिचें भी हैं. शाम के समय नेट प्रैक्टिस के लिए चार बांस के खंभे भी हैं, जिनमें रोशनी लगाई गई थी.