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Ranji Trophy 2024-25: बारिश में भीग गई पिच, तो सुखाने के लिए जलाए गए उपले! कुछ ऐसा है बिहार के मोइन-उल-हक स्टेडियम का हाल

दिन की शुरुआत में ही मैदान की हालत बता रही थी कि दूसरे दिन का खेल नहीं हो पाएगा. स्पोर्टस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के खिलाड़ी इस वजह से मैदान पर पहुंचे ही नहीं. पहले स्टेडियम स्टाफ ने पिच सुखाने के लिए ब्लो ड्रायर का इस्तेमाल किया, उसके बाद उन्होंने गोबर के उपलों का भी सहारा लिया.

बिहार का मोइन-उल-हक स्टेडियम इस साल तीन रणजी मैचों की मेजबानी करेगा. (Photo/Social Media) बिहार का मोइन-उल-हक स्टेडियम इस साल तीन रणजी मैचों की मेजबानी करेगा. (Photo/Social Media)

बिहार का खस्ताहाल मोईन-उल-हक़ स्टेडियम बीते कुछ सालों में गलत कारणों से ही सुर्खियों में बना रहा है. अब इस साल के रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के बीच एक और ऐसी खबर आई है जो स्टेडियम के कर्ता-धर्ताओं पर सवालिया निशान खड़े करती है. हाल ही में इस स्टेडियम पर कर्नाटक और बिहार के बीच रणजी ट्रॉफी का ग्रुप-सी मुकाबला खेला गया. मुकाबले के दूसरे दिन का खेल बारिश के कारण रद्द हो गया. और इस दौरान प्रशासन ने पिच और स्टेडियम को सुखाने के लिए जो हथकंडे अपनाए, वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.

कैसे सुखाई गई पिच?
दिन की शुरुआत में ही मैदान की हालत बता रही थी कि दूसरे दिन का खेल नहीं हो पाएगा. स्पोर्टस्टार की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के खिलाड़ी इस वजह से मैदान पर पहुंचे ही नहीं. मैदान को सुखाने के लिए स्टेडियम स्टाफ ने पहले ब्लो-ड्रायर (Blow-dryer) का इस्तेमाल किया. इसके बाद उन्होंने पिच के गीले हिस्सों पर गोबर के उपले भी जलाए.

स्पोर्टस्टार की रिपोर्ट कर्नाटक के कोच येरे गौड़ के हवाले से बताती है, "मैं देखना चाहता था कि वे क्या जलाने की तैयारी कर रहे हैं. आमतौर पर लोग पानी सुखाने के लिए लकड़ी का बुरादा छिड़कते हैं."

सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?
सोशल मीडिया पर जब लोगों के सामने पिच पर जलते उपलों की तस्वीरें पहुंची तो उन्होंने प्रशासन की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. एक यूजर ने लिखा, "इस तरह के बुनियादी ढांचे की वजह से एक टीम के जीतने के आसार भी धुएं में उड़ जाते हैं!"

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एक अन्य यूजर ने लिखा, "2024 चल रहा है और अब भी बिहार क्रिकेट स्टेडियम सूखे हुए गोबर से पिच को सुखाने की कोशिश कर रहा है. बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है. सारा पैसा जा कहां रहा है?" 

पहले भी चर्चा में रहा है पटना का स्टेडियम
पटना का एकमात्र क्रिकेट स्टेडियम पहले भी इन कारणों से चर्चा में रहा है. इस साल जनवरी में जब बिहार और मुंबई आमने-सामने आए थे तब भी इस स्टेडियम की जर्जर हालत उजागर हुई थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में इस स्टेडियम के कुछ हिस्से में मरम्मत का काम चल रहा था, जबकि कुछ में निर्माण कार्य जारी था.
 

स्टेडियम में बैठने की कई जगहों पर घास उग आई थी जिसे उखाड़ा नहीं गया था. स्कोरबोर्ड को भी कई जगहों से नहीं देखा जा सकता था. उस समय सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि वह इसे एक अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाएंगे. राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार में एक खेल विभाग भी बनाया था. 

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा है कि सरकार ने स्टेडियम के कायाकल्प को मंजूरी दे दी है. नवंबर में स्टेडियम में निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा और दो साल में स्टेडियम पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा.