भारतीय दुनियाभर में नाम कमा रहे हैं. अब ऐसे ही चेन्नई के 17 साल के डी गुकेश (D Gukesh) ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया है. गुकेश अब वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप (World Chess Championship) में अब तक के सबसे कम उम्र के दावेदार बन गए हैं. गुकेश का आखिरी मैच हिकारू नाकामुरा के खिलाफ हुआ था. ये मैच ड्रॉ हो गया था.
युवा प्रतिभा की जीत
कैंडीडेट्स चेस टूर्नामेंट में जीतने के साथ ही उनका वर्ल्ड चैंपियनशिप में जाने का रास्ता साफ हो गया है. अपनी चेस यात्रा की शुरुआत से ही, गुकेश कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. 12 साल, सात महीने और 17 दिन की छोटी सी उम्र में, वह भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर के प्रतिष्ठित खिताब तक पहुंच गए थे. हालांकि, वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में महज 17 दिन से गुकेश चूक गए थे.
खेल के प्रति बहुत जुनूनी हैं गुकेश
गुकेश के चेस के स्टारडम तक पहुंचने का केंद्र खेल के प्रति उनका जुनून है. टेक्नोलॉजी और कम्प्यूटर से चलने वाली इस दुनिया में, गुकेश ने उसका साथ नहीं चुना. विश्वनाथन आनंद ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 13वें राउंड के बाद गुकेश ने ओपन सेक्शन में बढ़त बना ली थी. विश्वनाथन आनंद कहते हैं, “गुकेश ने खुद इंजन का उपयोग नहीं किया, लेकिन फिर भी उन्हें अपने ट्रेनर से फायदा लाभ हुआ. एक खिलाड़ी को गेम स्किल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और ट्रेनर उन्हें इंजन से ज्यादा अच्छी जानकारी दे सकता है.”
बता दें, चेस में, एक "इंजन" आम तौर पर एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है. जिसे विशेष रूप से चेस खेलने के लिए डिजाइन किया गया है. ये इंजन अक्सर स्थितियों का विश्लेषण करने, संभावित चालों को कैलकुलेट करने और उसका परिणाम क्या हो सकता है, इसके बारे में बताता है. इसकी कैलकुलेशन गलत और सही दोनों हो सकती हैं.
गुरु का साथ रहा
गुकेश की इस ट्रेनिंग के पीछे विष्णु प्रसन्ना हैं, जो उनके गुरु हैं. खेल कौशल को निखारने के लिए विष्णु आधुनिक चेस में आने वाली मुश्किलों से निपटने में ट्रेनिंग का बहुत बड़ा रोल मानते हैं. इंडियन एक्सप्रेस से विष्णु कहते हैं, “हमारा उद्देश्य कैलकुलेशन में बहुत सटीक होना है. साथ ही चेस में अपने खेल को और मजबूत करना है. जब आप गेम खेल रहे होते हैं तो आप हमेशा पूरी तरह से निश्चित नहीं होते हैं. लेकिन अगर आप हमेशा कंप्यूटर से जांच करते रहते हैं तो यह आपको एक स्पष्ट परिभाषा देता है (कि कोई कदम अच्छा है या बुरा). हालांकि, ये खतरनाक हो सकता है. इसी से दूर रखने के लिए हमने गुकेश को इंजन से दूर रखा. हमें नहीं पता था कि यह कैसे काम करेगा.”
इसके बाद, गुकेश ने भारत के टॉप खिलाड़ी के रूप में प्रसिद्ध विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ दिया है. इससे पता चलता है कि भारत के चेस खिलाड़ी लगातार नए मुकाम पर पहुंच रहे हैं. चेस के खेल में अब पीढ़ीगत बदलाव नजर आ रहा है. गुकेश ने अपने शानदार प्रदर्शनों की लिस्ट में इस जीत को भी दर्ज कर लिया है. गुकेश ने भारतीय शतरंज की कहानी को फिर से लिख दिया है.