स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली ने पहले स्पोर्ट्स स्कूल की शुरुआत की है. दाखिले की प्रक्रिया 22 जून से शुरु होगी. यह स्कूल दिल्ली खेल विश्वविद्यालय के अंतरगर्त चलाया जाएगा. इसके तहत सरकार कम उम्र से ही खेल प्रतिभाओं को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं देने की योजना पर काम कर रही है. ये स्कूल कक्षा 6 से 12वीं कक्षा तक के लिए होगा. इस सत्र में कक्षा 6 से 9वीं तक के लिए एडमिशन लिए जाएंगे.सरकार कम उम्र में ट्रेनिंग देते हुए उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार करेगी.
स्कूल के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को कहा, “दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल देश भर के छात्रों का स्वागत करेगा. हमारी सरकार का उद्देश्य अनुकरणीय खेल प्रतिभाओं की पहचान करना और उनका पोषण करना है. हम छात्रों को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय खेल चैंपियन और ओलंपियन बनने के लिए प्रशिक्षित करेंगे."
मेरिट के अनुसार होगा चयन
सरकार ने लिखित बयान में कहा,“दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में दाखिला लेने के इच्छुक सभी छात्रों को टैलेंट स्काउटिंग की कठोर प्रक्रिया से गुजरना होगा. उन्हें पहले http://dsu.ac.in/registration लिंक के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण बंद होने के बाद, छात्रों की एक पूर्व निर्धारित सूची मेरिट के आधार पर तैयार की जाएगी. ”
ओलंपिक स्पोर्ट्स के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
एक बार टैलेंट कैंप के लिए चुने जाने के बाद छात्रों को खेल विशिष्ट परीक्षणों के साथ-साथ मोटर एबिलिटी, स्पीड एंडयोरेंस और एजिलिटी टेस्ट जैसे विभिन्न परीक्षणों से गुजरना होगा. इन परीक्षणों को पास करने के बाद शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों को दिल्ली आमंत्रित किया जाएगा जहां वे आगे के परीक्षणों से गुजरेंगे. अधिकारियों ने कहा कि शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को नामांकन का प्रस्ताव मिलने से पहले कुछ मेडिकल टेस्ट से भी गुजरना होगा. यह को-एड स्कूल पूरी तरह से रेजिडेंशियल होगा और यहां छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल होंगे. यह स्कूल आर्करी, एथलिटिक्स, बैडमिंटन, शूटिंग, वेट लिफ्टिंग, रेस्लिंग, बॉक्सिंग, स्वीमिंग, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस सहित 10 ओलंपिक स्पोर्ट्स में छात्रों को ट्रेनिंग देगा. शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ उनके खेल प्रशिक्षण और प्रदर्शन का लगातार मूल्यांकन किया जाएगा.