देश में खेलों को आधुनिक बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने का काम चल रहा है. अब इसी कड़ी में खिलाड़ियों को डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश भर में रजिस्टर्ड एथलीटों को डिजिटल सर्टिफिकेट देने वाली योजना शुरू की है. ये पहल गुरुवार से शुरू हुई है. इसका उद्देश्य अलग-अलग प्रतियोगिताओं में एथलीटों की भागीदारी और उनके प्रदर्शन को रिकॉर्ड करने के लिए एक सुव्यवस्थित सिस्टम बनाना है.
पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा
डिजिटल सर्टिफिकेट की शुरुआत खेल के इकोसिस्टम को भीतर बनाने के लिए की गई है. इन सर्टिफिकेट में तारीखों और उपलब्धियों सहित प्रतियोगिताओं में एथलीटों की भागीदारी के बारे में डिटेल में लिखा होगा. इस जानकारी को डिजिटलाइज करके, खेल मंत्रालय का लक्ष्य एथलीटों के रिकॉर्ड की प्रामाणिकता और पहुंच सुनिश्चित करना है.
एथलीटों और NSFs के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में एथलीटों और नेशनल स्पोर्ट्स फेडेरेशन (NSFs) के लिए खेल से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को आसान बनाने के ऊपर बात की. बता दें, डिजिटल सर्टिफिकेट से पहले पिछले साल के राष्ट्रीय खेल दिवस के दौरान NSFs पोर्टल लॉन्च किया गया था.
एथलीट के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की पहल, डिजीलॉकर का भी इस्तेमाल एथलीटों के लिए किया जा रहा है. डिजीलॉकर के माध्यम से डिजिटल सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. इससे मंत्रालय का लक्ष्य एथलीटों के डॉक्यूमेंट तक अपनी पहुंच बढ़ाना है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "इस साल 1 जून से, केवल स्पोर्ट्स फेडेरेशन ने जो सर्टिफिकेट जारी किए हैं वही मान्य होंगे. इन्हें डिजिलॉकर के माध्यम से जारी किया जाएगा. किसी भी तरह के फिजिकल सर्टिफिकेट को सरकार और दूसरी योजनाओं का फायदा लेने के लिए मान्यता नहीं दी जाएगी. हमने सभी खेल यूनियनों को सलाह दी है कि वे सर्टिफिकेट जारी करना शुरू कर दें.”
कागजी कार्रवाई होगी कम
दरअसल, एथलीट फर्स्ट पॉलिसी के तहत डिजिटल सर्टिफिकेट लॉन्च किया गया है. इसकी मदद से एथलीटों की जरूरतों को प्राथमिकता दी जाएगी और देश भर के खिलाड़ियों के जीवनयापन को आसान बनाया जाएगा. इतना ही नहीं बल्कि जिस काम के लिए डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन या कागजी कार्रवाई ज्यादा होती थी उसको कम किया जा सकेगा.