

ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है. अल्लामा इक़बाल का यह शेर दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) पर बिल्कुल सटीक बैठती है. वो ख़राब फॉर्म के कारण भारतीय टीम से निकाले गए, निजी जिंदगी में दिक्कतें आई, लाइफ उथल पुथल हो गया लेकिन हार नहीं माने. बाजीगर फ़िल्म का एक डॉयलाग है कि 'हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं'. कुछ ऐसा ही दिनेश कार्तिक के साथ भी है. एक वक्त ऐसा था कि पूरी दुनिया यह मान चुकी थी कि उनका क्रिकेट करियर अब समाप्त हो गया है. लेकिन वो उठे और उतनी ही ताकत से उठे फिर साबित कर दिया कि उनके करियर का अस्त नहीं हुआ है. आज वो अपना 37वां बर्थडे मना रहे हैं. इस ख़ास मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी की वो अनुसनी कहानी बताएंगे कि जिसको पढ़कर आप मोटिवेट तो होंगे ही साथ ही आपके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और लगेगा कि जब दिनेश कार्तिक गिरकर उठ सकता है और चमक बिखेर सकता है तो हम क्यों नहीं.
पिता ने सिखाया क्रिकेट का गुड़
1 जून 1985 को तमिलनाडु के तूतूकुड़ी में दिनेश कार्तिक का जन्म हुआ. बचपन चेन्नई में बीता. शुरुआती पढ़ाई लिखाई डॉन बॉस्को स्कूल से हुई. 10 साल की उम्र रही होगी तभी से कार्तिक ने क्रिकेट को अपना फ्यूचर मान लिया था. अगर कार्तिक के बचपन के दिनों को देखा जाए तो सबसे अच्छी बात ये रही कि उनको क्रिकेट सीखने के लिए किसी और के पास नहीं जाना पड़ा. लोग कहते हैं कि बच्चे का सबसे पहला गुरु माता पिता होता है. कार्तिक के पर्सनल जिंदगी से लेकर प्रोफेशनल यानी क्रिकेट की जिंदगी में भी गुरु उनके पिता ही थी. कार्तिक को क्रिकेट का गुड़ उनके पिता ने सिखाया. बता दें कि कार्तिक के पिता कृष्ण कुमार चेन्नई की तरफ से फर्स्ट डिवीजन क्रिकेट खेलते थे. लेकिन घर वालों ने उनपर दवाब दिया कि वो पढ़ाई पर ध्यान दें, न कि क्रिकेट पर. और इसी वजह से उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा. लेकिन कभी जो सपना कार्तिक के पिता ने देखा था वो चाहते थे कि कार्तिक उस सपने को पूरा करे. और जिस वजह से उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा वैसे कार्तिक को न छोड़ना पड़े. अपने पिता से कार्तिक ने क्रिकेट की बैटिंग की बारीकियों को सीखा.
फैंस कहते हैं कि कार्तिक को कभी उनका हक नहीं मिला
साल था 1999 जब कार्तिक का चयन तमिलनाडु की अंडर 14 में हुआ था. लेकिन प्रतिभा इतनी थी कि जल्द ही वो अंडर 16 और अंडर 19 के लिए भी चुन लिए गए. लगातार अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बदौलत साल 2002 में प्रथम श्रेणी और 2004 में भारत की अंडर 19 के वर्ल्डकप के लिए चुने गए. इस दौरान कार्तिक का नाम उभरकर क्रिकेट की पटल पर छा रहा था. वर्ल्डकप में बेहतरीन बल्लेबाजी की और उसका परिणाम रहा कि इसी साल यानी 2004 में ही उन्हें भारतीय टीम के लिए चुना गया. कार्तिक का पहला टेस्ट डेब्यू अक्टूबर 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ. वहीं उनका वनडे डेब्यू 2004 में ही इंग्लैंड के खिलाफ हुआ. अपने शुरुआती मैचों में कार्तिक अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे. कई मैचों में मौका मिला लेकिन वो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. यह वह समय था जब क्रिकेट के एक युग महेंद्र सिंह धोनी की शुरुआत हो रही थी. कार्तिक खुद को साबित नहीं कर पाए तो उनकी जगह धोनी ने ले ली. इसके बाद कार्तिक छिटपुट ही नजर आए. धोनी आए और जो क्रिकेट की पिच पर जमे फिर कार्तिक को कम ही मौका मिला. उनके फैंस तो यहां तक कहते हैं कि कार्तिक को कभी भारतीय टीम में उनका हक नहीं मिला.
इस सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी.
कमेंटेटर बन गए थे फिर की वापसी
कहते हैं कि किस्मत बहादुरों का साथ देती है. कार्तिक बार-बार असफल हुए लेकिन हार कभी नहीं मानी. 2013 में हुए चैंपियनशिप ट्रॉफी और 2018 में हुए निदास ट्रॉफी में कार्तिक ने अपने बल्लेबाजी से कमाल तो दिखाया लेकिन जल्द ही आउट ऑफ फॉर्म हो गए. नतीजा रहा कि भारतीय क्रिकेट टीम में उनकी राह मुश्किल हो गई. मार्च 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मैच में कार्तिक कमेंटेटर बन गए. फील्ड से वो बाहर हो गए लेकिन उनके अंदर से क्रिकेट नहीं जा रहा था. उन्होंने दोबारा वापसी की और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबको चौंका दिया. परिणाम रहा कि आईपीएल 2022 के लिए आरसीबी ने उन्हें 5 करोड़ 50 लाख रुपए की बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल कर लिया. पूरे आईपीएल 2022 में कार्तिक का बल्ला इतना तेज गरजा कि उन्हें सुपर स्ट्राइकर ऑफ द सीजन घोषित किया गया. कार्तिक ने 183.33 की स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाए. इनाम स्वरूप एक कार दी गई. यह इनाम तो एक छोटा इनाम है बड़ा इनाम ये है कि कार्तिक का चयन भारतीय टीम में हुआ. वो दक्षिण अफ्रीका से होने जा रहे T20 सीरीज के लिए टीम का हिस्सा होंगे. बता दें कि कार्तिक ने भारत की तरफ से लास्ट मैच 2019 में खेला था. 3 साल बाद टीम में फिर वापसी हुई है.
पहली पत्नी से तलाक के बाद सुसाइड तक करने का सोच लिया था
कार्तिक के निजी जिंदगी में भी काफी उथल पुथल रही है. कार्तिक ने बचपन की दोस्त निकिता वंजारा से 2007 में शादी की. 2012 में आईपीएल के दौरान कार्तिक ने निकिता का परिचय क्रिकेटर मुरली विजय से करवाया. यही मुलाकात कार्तिक के निजी जिंदगी पर भारी पड़ी. कार्तिक की वाइफ निकिता का अफेयर मुरली विजय से चलने लगा. निकिता ने कार्तिक से कुछ समय बाद तलाक ले ली. यह वह दौर था जब कार्तिक का क्रिकेट करियर और निजी जिंदगी दोनों नीचे की तरफ जा रहा था. कहा जाता है कि कार्तिक डिप्रेशन में चले गए और सुसाइड करने तक की सोचने लगे थे.
2015 में की दूसरी शादी
2013 में उनकी मुलाकात दीपिका पल्लीकल से हुई. दीपिका ने कार्तिक को संभाला और यहां से कार्तिक की जिंदगी ने नई करवट ली. दोनों ने एक दूसरे को 2 साल तक डेट करने के बाद 2015 में शादी कर ली. 2021 में दीपिका ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. बता दें कि दीपिका स्कवास की अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं.