भारत के 18 साल के डी गुकेश कांटे की टक्कर के फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप मैच में अब 6-5 से आगे हो गए हैं. 14 गेम्स के मुकाबले में 10 गेम्स होने के बाद गुकेश और चीन के डिंग लिरेन 5-5 की बराबरी पर थे लेकिन 11वां गेम जीतकर भारतीय युवा ने महत्वपूर्ण बढ़त बना ली है.
दरअसल गुकेश ने पूरे मैच के दौरान ही आक्रामक शतरंज खेलने की कोशिश की है. वह कई मौकों पर पोजीशन पर पकड़ नहीं बनाकर रख सके. लेकिन रविवार को डिंग की एक गलती ने उन्हें बढ़त बनाने का मौका दे दिया. अब गुकेश दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बनने से सिर्फ तीन गेम दूर हैं. गुकेश यह ऐतिहासिक कामयाबी कैसे हासिल कर सकते हैं, समझिए आसान भाषा में.
क्या है वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का फॉर्मैट?
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की शुरुआत 25 नवंबर को हुई और यह आयोजन 13 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान दोनों खिलाड़ी 14 गेम खेलेंगे. ये सभी गेम मिलाकर एक मैच बनेगा. मैच खत्म होने पर जिस खिलाड़ी के ज्यादा अंक होंगे, वह चैंपियनशिप जीत जाएगा. एक गेम जीतने का एक अंक मिलता है, जबकि ड्रॉ होने पर दोनों खिलाड़ियों को 0.5 अंक मिलते हैं. हारने पर कोई अंक नहीं कटता.
गुकेश ने कैसे बनाई बढ़त?
दरअसल सफेद प्यादों से खेलते हुए गुकेश ने इस वर्ल्ड चैंपियनशिप में हमेशा ही वर्तमान चैंपियन डिंग लिरेन पर दबाव बनाने की कोशिश की है. रविवार के मैच में इस कोशिश में गुकेश अपना काफी समय गंवा चुके थे, लेकिन डिंग के पास भी ज्यादा समय नहीं बचा था. ऐसे में डिंग ने 28वीं चाल पर ऐसी गलती की जिससे गुकेश उनका घोड़ा (Knight) जीतने में कामयाब रहे.
अगर डिंग उस घोड़े को रिकवर करने जाते तो उन्हें अपने हाथी (Rook) से हाथ धोने पड़ सकते थे. इस समय तक डिंग के पास सिर्फ सात मिनट बचे थे. और उन्होंने रिजाइन करने का फैसला किया. इस तरह गुकेश ने पहली बार मैच में बढ़त बना ली.
कैसे जीत सकते हैं गुकेश?
अब गुकेश और वर्ल्ड चैंपियनशिप के बीच सिर्फ तीन गेम का फासला बाकी है. अगर गुकेश ये तीनों गेम ड्रॉ भी करवा लेते हैं तो 14 गेम के बाद उनका स्कोर 7.5 होगा, जबकि डिंग का स्कोर 6.5 होगा. यानी गुकेश को अब सिर्फ मैच पर अपनी पकड़ बनाए रखनी है और डिंग को आगे निकलने का मौका नहीं देना. हालांकि अगर डिंग बचे हुए तीन मैचों में से एक जीत लेते हैं तो यह मैच टाई-ब्रेकर में चला जाएगा.
कैसे खेला जाएगा टाई-ब्रेकर?
वर्ल्ड चैंपियनशिप के शुरुआती 14 मुकाबलों में हर खिलाड़ी को शुरुआती 40 चालें चलने के लिए दो घंटे का समय मिलता है. इसके बाद बाकी के खेल के लिए 30 मिनट का समय दिया जाता है और हर मूव पर 30 सेकंड का बोनस भी दिया जाता है. लेकिन टाई-ब्रेकर में खिलाड़ियों को इतना समय नहीं दिया जाएगा.
टाई ब्रेकर के पहले मैच में दोनों खिलाड़ी 15-15 मिनट के चार गेम खेलेंगे और 2.5 पॉइंट स्कोर करने वाला खिलाड़ी जीत जाएगा. अगर पहला मैच ड्रॉ होता है तो फिर दोनों खिलाड़ी 10-10 मिनट के चार गेम खेलेंगे और 2.5 पॉइंट तक पहुंचने वाला खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन हो जाएगा. अगर यहां भी स्कोर बराबर रहते हैं तो दोनों खिलाड़ी तीन-तीन मिनट के चार गेम खेलेंगे और 2.5 पॉइंट तक पहुंचने वाला खिलाड़ी चैंपियन बन जाएगा.
अगर यहां से भी कोई चैंपियन नहीं निकल सका तो दोनों खिलाड़ी तीन-तीन मिनट का 'सडेन डेथ' मैच खेलेंगे. इस मुकाबले को जीतने वाला खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन बन जाएगा. अगर पहले सडेन डेथ गेम में कोई नहीं जीतता तो खिलाड़ियों के प्यादों का रंग बदला जाएगा और यह तब तक चलता रहेगा जब तक कोई वर्ल्ड चैंपियन नहीं बन जाता.