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FIFA World Cup Trophy: फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी किससे बनी है? जानिए इसकी कीमत, वजन से लेकर सालों के इतिहास तक के बारे में

FIFA World Cup विनर को दी जाने वाली वर्तमान ट्रॉफी - जिसे फीफा विश्व कप ट्रॉफी के रूप में जाना जाता है - वास्तव में ओरिजिनल अवॉर्ड नहीं है. यह ओरिजिनल अवॉर्ड, Jules Rimet Trophy का दूसरा वर्जन है.

FIFA World Cup Trophy (Photo: Twitter) FIFA World Cup Trophy (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • पहले दी जाती थी Jules Rimet Trophy 

  • सिल्वियो गज़ानिगा ने डिजाइन की नई ट्रॉफी

  • फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी सॉलिड है और इसका वजन 6.2 किग्रा है

फुटबॉल का फीवर सबके सिर चढ़कर बोल रहा है. फीफा वर्ल्ड कप 2022 भले ही कतर में हो रहा हो लेकिन इसकी धूम पूरी दुनिया में है. फीफा के बारे में हर चीज खास है फिर चाहे इसे होस्ट करने वाला देश कतर हो या फुटबॉल खेल रहीं टीम और खिलाड़ी या विनर को दी जाने वाली ट्रॉफी. 

फीफा वर्ल्ड कप विनर को दी जाने वाली ट्रॉफी की तस्वीरें सबने देखी होंगी, लेकिन हम आपको बता दें कि यह ट्रॉफी बिल्कुल भी आम नहीं है. इस ट्रॉफी के आकार, मेटेरियल से लेकर इसके सालों पुराने इतिहास तक, सबकुछ बहुत खास है. आप लोगों में से बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि वर्तमान में दी जाने वाली ट्रॉफी, फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी का दूसरा वर्जन है. 

अब सवाल है कि ये दूसरा वर्जन है तो पहला वर्जन क्या है या कहें कि ओरिजिनल वर्जन क्या है? यह कहानी है FIFA World Cup Trophy और इसके इतिहास की. 

पहले दी जाती थी Jules Rimet Trophy 
फीफा विश्व कप ट्रॉफी का सफर वर्ल्ड फुटबॉल गवर्निंग बॉडी, फीफा के तीसरे अध्यक्ष जूल्स रिमेट के साथ शुरू हुआ. उन्होंने 1928 में फुटबॉल विश्व कप की योजना पेश की और 1930 में उरुग्वे में पहला एडिशन आयोजित किया गया. 

पहले वर्ल्ड कप के लिए जब ट्रॉफी डिजाइन करने की बात आई तो यह काम एक फ्रांसीसी मूर्तिकार एबेल लाफलेउर को सौंपा गया. लाफलेउर ने जीत की ग्रीक देवी, नाइके की मूर्ति डिजाइन की, जिसमें उनके सिर पर एक अष्टकोणीय (ओक्टागोनल) कप था और उनके गले में माला थी. 

इस ट्रॉफी को मूल रूप से विक्ट्री नाम दिया गया था और इसकी ऊंचाई 35 सेमी और वजन 3.8 किलोग्राम था. इस ट्रॉफी को चांदी से बनाया गया था और फिर इस पर सोने की परत चढ़ाई गई थी. ट्रॉफी का बेस एक कीमती नीले पत्थर से बना था जिसे लैपिस लैज़्यूली कहा जाता है. 

इसके बेस के चारों ओर सोने की प्लेटें लगाई गई थीं, जिन पर हर वर्ल्ड कप के बाद विजेता देशों के नाम लिखे गए थे. साल 1946 में इस ट्रॉफी का नाम विश्व कप के संस्थापक और फीफा अध्यक्ष, फ्रेंचमैन जूल्स रिमेट के नाम पर रखा गया. 

जूल्स रिमेट ट्रॉफी से जुड़े है कुछ अनोखे किस्से 
साल 1974 के फीफा विश्व कप से पहले विनर टीम को जूल्स रिमेट ट्रॉफी ही दी जाती थी. इस ट्रॉफी से कई दिलचस्प किस्से जुड़े हैं. बताया जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, इतालवी फुटबॉल महासंघ (FIGC) के अध्यक्ष और फीफा के उपाध्यक्ष ओटोरिनो बारासी ने ट्रॉफी को अपने बिस्तर के नीचे एक शू-बॉक्स में छिपा दिया था ताकि एडॉल्फ हिटलर और नाजी इसे ले न पाएं. 

हालांकि 1966 में, इंग्लैंड में प्रदर्शन के दौरान यह ट्रॉफी चोरी हो गई थी. स्कॉटलैंड यार्ड के जासूसों ने पिकल्स नाम के कुत्ते की मदद से इस ट्रॉफी को ढूंढा. यह ट्रॉफी साउथ लंदन के एक बगीचे में अखबार में लिपटी हुई मिली. 

उस समय, फीफा के नियमों के मुताबिक, हर विजेता टीम को चार साल के लिए ट्रॉफी अपने पास रखने को मिलती थी. चार साल बाद, वर्ल्ड कप में जो टीम जीत हासिल करती, उसे यह ट्रॉफी पास कर दी जाती थी. हालांकि, नियम यह था कि अगर कोई टीम लगातार तीन बार वर्ल्ड कप जीत ले तो वही टीम ट्रॉफी की परमानेंट मालिक होगी. 

1970 में, ब्राजील ने तीसरी बार कप जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की. हालांकि, यह 1983 में रियो डी जनेरियो में ब्राज़ीलियाई फुटबॉल परिसंघ मुख्यालय से चोरी हो गई. ऐसा माना जाता है कि जूल्स रिमेट ट्रॉफी को इस बार चोरों ने पिघला दिया था और इसलिए इसका कभी पता नहीं लगाया जा सका. 

सिल्वियो गज़ानिगा ने डिजाइन की नई ट्रॉफी
साल 1970 में ब्राजील का ट्रॉफी पर परमानेंट आधिकार हो गया था. इसके बाद, फीफा ने 1974 में 10वें विश्व कप के लिए एक नई ट्रॉफी बनाने का फैसला किया और तब से अब यही ट्रॉफी चली आ रही है. इस ट्रॉफी को डिजाइन करने का काम इटालियन आर्टिस्ट सिल्वियो गज़ानिगा को दिया गया.

गज़ानिगा ने ट्रॉफी को और व्यवस्थित तरीके से डिजाइन किया. ट्रॉफी में टूर्नामेंट की ग्लोबल पहुंच को दर्शाने के लिए पृथ्वी को पकड़े हुए दो मानव आकृतियां बनाई गई हैं. यह ट्रॉफी सोने की बनी है. 2018 में यूएसए टुडे के अनुमान के अनुसार, इसका मूल्य 20 मिलियन डॉलर है. बात अगर इसकी और विशेषताओं की करें तो,

  • यह अनूठी फीफा विश्व कप ट्रॉफी 36.8 सेमी (14.5 इंच) लंबी है और 13 सेमी (5.1 इंच) चौड़ी है. 
  • फीफा वर्ल्ड कप ट्रॉफी सॉलिड है और इसका वजन 6.2 किग्रा है. 
  • इस ट्रॉफी को बनाने में 18 कैरट गोल्ड का इस्तेमाल किया गया है. 
  • ट्रॉफी के बेस पर मैलाकाइट स्टोन की दो लेयर लगाई गई हैं. 
  • इसके बॉटम में पर जीतने वाली टीम का नाम और साल लिखा जाता है. 

साल 2042 में आ सकता है तीसरा वर्जन 
फीफा ने अपने नियम में बदलाव किया जिसमें कहा गया है कि यह ट्रॉफी फीफा के पास रहेगी और फुटबॉल विश्व कप चैंपियन को एक प्रतिकृति से सम्मानित किया जाता है. फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को इस ट्रॉफी की गोल्ड प्लेटेड ब्रॉन्ज रेप्लिका ट्रॉफी दी जाती है. 

आपको बता दें कि वर्तमान ट्रॉफी के बॉटम पर जीतने वाली सिर्फ 17 फुटबॉल टीम के नाम और साल लिखे जा सकते हैं. इसलिए बहुत से लोगों का अंदाजा है कि साल 2038 के फीफा वर्ल्ड कप के बाद साल 2042 के फीफा वर्ल्ड कप के लिए नई ट्रॉफी लाई जा सकती है.