scorecardresearch

सबसे पॉपुलर स्पिनर्स में होती है Bishan Singh Bedi की गिनती, किसी आर्ट से कम नहीं था बॉलिंग स्टाइल… ऐसा था अमृतसर की गलियों से स्टेडियम तक का सफर 

Bishan Singh Bedi: कहा जाता है कि बिशन सिंह बेदी का बॉलिंग स्टाइल किसी आर्ट से कम नहीं था. हाई-आर्म एक्शन और पिच से टर्न निकालने की अदभुत क्षमता की वजह से उनका नाम आज भी बेस्ट स्पिनर्स में लिया जाता है.

बिशन सिंह बेदी बिशन सिंह बेदी
हाइलाइट्स
  • बॉलिंग स्टाइल किसी आर्ट से कम नहीं था 

  • अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे 

क्रिकेट की दुनिया में, बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्हें बाद तक याद किया जाता है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh bedi) भी उन्हीं चुनिंदा नामों में से एक हैं. अमृतसर की गलियों से लेकर भारतीय क्रिकेट टीम तक, बिशन सिंह बेदी ने 1960 और 1970 के दशक की प्रसिद्ध भारतीय स्पिन चौकड़ी (Legendary Spin Quartet) का हिस्सा बनकर क्रिकेट के इतिहास में अपनी जगह बनाई. इस स्पिन चौकड़ी में इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और श्रीनिवास वेंकटराघवन जैसे दिग्गज शामिल रहे हैं. 

बिशन सिंह बेदी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी शानदार बॉलिंग स्टाइल से प्रतिष्ठा हासिल की. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारतीय क्रिकेट में 1970 का पूरा दशक सुनील गावस्कर और गुंडप्पा विश्वनाथ की बल्लेबाजी के साथ-साथ, बिशन सिंह बेदी की गेंदबाजी से जुड़ा हुआ है. 

अमृतसर से क्रिकेट तक का सफर 

25 सितंबर, 1946 को पंजाब के अमृतसर में जन्मे बिशन सिंह बेदी की एक छोटे शहर से क्रिकेट स्टारडम तक की यात्रा उनके अटूट समर्पण और प्रतिभा का प्रमाण है. उन्होंने 1966 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना शुरू किया था. अपनी शानदार लेफ्ट-आर्म स्पिन बॉलिंग से फैंस के दिलों पर राज करने वाले बिशन बेदी के आज भी बड़ी संख्या में चाहने वाले हैं. 

बिशन सिंह बेदी के शानदार करियर वाले अध्यायों में 1976 से 1979 तक का सफर सबसे बेहतरीन रहा है. इस दौरान वे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में टीम को लीड कर रहे थे. 

अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे 

मैदान के बाहर बिशन सिंह बेदी को उनके अटल सिद्धांतों और अपनी ईमानदारी के लिए जाना जाता था. हालांकि, अपने मुखर स्वभाव के कारण वे अक्सर विवादों में रहते थे. लेकिन इससे उन्हें एक क्रिकेट आइकन के रूप में सम्मान भी मिला, जिन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. खेल से संन्यास लेने के बाद, बिशन बेदी ने एक कोच, कमेंटेटर और एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में क्रिकेट में अपना योगदान जारी रखा. 

बॉलिंग स्टाइल किसी आर्ट से कम नहीं था 

कहा जाता है कि बिशन सिंह बेदी का बॉलिंग स्टाइल किसी आर्ट से कम नहीं था. हाई-आर्म एक्शन और पिच से टर्न निकालने की अदभुत क्षमता की वजह से उनका नाम आज भी बेस्ट स्पिनर्स में लिया जाता है. 67 टेस्ट मैचों में 266 विकेट के साथ, बिशन सिंह बेदी का नाम क्रिकेट इतिहास में स्पिन गेंदबाजी के महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में दर्ज है.

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइक ब्रियरली ने भी बिशन सिंह बेदी की गेंदबाजी के लिए केवल एक शब्द कहा था- "खूबसूरत." मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिकेट के मैदान पर सबसे ज्यादा खूबसूरत दृश्यों में से एक बिशन सिंह बेदी की बॉलिंग होती थी.