Team India Ex Captain Anshuman Gaikwad: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी और कोच अंशुमन गायकवाड़ का बुधवार को ब्लड कैंसर के साथ लंबी लड़ाई के बाद 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया. गायकवाड़ को हाल ही ब्लड कैंसर होने का पता चला था. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने उनके इलाज के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि दी थी. कपिल देव भी मदद के लिए आगे आए थे. मोहिंदर अमरनाथ, मदन लाल, संदीप पाटिल और कीर्ति आजाद भी अपने साथी खिलाड़ी की मदद के लिए आगे आए थे.
गायकवाड़ लंदन के किंग्स कॉलेज अस्पताल में ब्लड कैंसर का इलाज करा रहे थे. वह पिछले महीने ही देश लौटे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि अंशुमान गायकवाड़ जी को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा. वे एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी और एक बेहतरीन कोच थे. उनके निधन से बहुत दुख हुआ. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना ओम शांति.
पिता भी रह चुके हैं टेस्ट खिलाड़ी
अंशुमान गायकवाड़ का जन्म 23 सितंबर 1952 को मुंबई में हुआ था. गायकवाड़ का संबंध गुजरात के एक प्रसिद्ध क्रिकेट परिवार से रहा है. उनके पिता दत्ताजी राव गायकवाड़ भी भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट खिलाड़ी रह चुके हैं. अंशुमान की पत्नी ज्योति गायकवाड़ हैं और उनके दो बेटे अनिरुद्ध और शत्रुंजय गायकवाड़ हैं.
वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था पहला टेस्ट मैच
अंशुमान गायकवाड़ दाएं हाथ के बल्लेबाज थे. उन्होंने 27 दिसंबर 1974 को वेस्टइंडीज के खिलाफ कोलकाता में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था. साल 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अंतिम टेस्ट मैच कोलकाता में खेला था. गायकवाड़ ने भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेले और 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए. इसमें दो शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं. उनका बेस्ट स्कोर 201 रन था, जिसे उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बनाया था. वनडे में उन्होंने 15 मैच खेले और 20.69 की औसत से 269 रन बनाए. उन्होंने 1987 में वेस्टइंडीज के खिलाफ गुवाहाटी में अपना अंतिम वनडे मैच खेला था.
पाकिस्तान के खिलाफ खेली थी ऐतिहासिक पारी
अंशुमान गायकवाड़ को उनकी डिफेंसिव तकनीक के चलते क्रिकेट की दुनिया में 'द ग्रेट वॉल' के नाम से जाना जाता था. गायकवाड़ महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के साथ ओपनिंग करने उतरते थे. उन्हें लिटिल मास्टर का 'राइट हैंड' भी कहा जाता था. अंशुमान गायकवाड़ ने सितंबर 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ जालंधर टेस्ट मैच में ऐतिहासिक पारी खेली थी. उन्होंने 201 रन बनाए थे. कुल 671 मिनट तक बल्लेबाजी की थी. यह उस वक्त प्रथम क्रिकेट का सबसे धीमा दोहरा शतक था. अंशुमान गायकवाड़ के उस दोहरे शतक की बदौलत भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ उस टेस्ट मैच को आसानी से ड्रॉ करवा लिया था.
फर्स्ट क्लास मैचों में इतने रन
1. अंशुमान गायकवाड़ ने 206 फर्स्ट क्लास मैचों में 41.56 की औसत से 12 136 रन बनाए थे.
2. इस दौरान उनके बल्ले से 34 शतक और 47 अर्धशतक निकले.
3. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 225 रन रहा.
4. गायकवाड़ ने 55 लिस्ट-ए मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होने 32.67 के औसत से 1601 रन बनाए थे.
संन्यास के बाद कोचिंग और चयनकर्ता के रूप में दिया योगदान
अंशुमान गायकवाड़ ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोचिंग को अपना करियर बनाया. वह 1997-99 के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रहे. साल 2000 में भी कुछ महीनों के लिए उन्होंने यह जिम्मेदारी निभाई थी. वह 1992 से 1996 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे. गायकवाड़ ने गुजरात राज्य उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (GSFC) के लिए भी काम किया और 2000 में इस कंपनी से सेवानिवृत्ति ले ली.
BCCI ने किया सम्मानित
अंशुमान गायकवाड़ को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कई सम्मान मिले हैं. जून 2018 में उन्हें बीसीसीआई ने सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया. अंशुमान गायकवाड़ ने भारतीय क्रिकेट में एक खिलाड़ी, कोच और चयनकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उनकी रक्षात्मक बल्लेबाजी शैली और कोचिंग के प्रति समर्पण ने उन्हें एक महान क्रिकेटर के रूप में स्थापित किया.