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Gagan Narang: बचपन में ही पिता ने जान ली थी प्रतिभा, घर बेचकर शूटिंग के गन के लिए जुटाए थे पैसे, कुछ ऐसी है इस पद्मश्री खिलाड़ी की कहानी 

Happy Birthday Gagan Narang: लंदन ओलंपिक में पहले भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने क्वॉलीफाई किया था, वह निशानेबाज गगन नारंग थे. गगन ने कभी भी देश को निराश नहीं किया और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर हर स्तर पर खिताब जीतने में कामयाब रहे.

गगन नारंग (फोटो ट्विटर) गगन नारंग (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • 6 मई 1983 को गगन नारंग का हुआ था जन्म 

  • गगन ने 1997 में शूटिंग की जर्नी की थी शुरू 

इंडिया के स्टार शूटर गगन नारंग ने विदेशों में कई बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर देश का मान बढ़ाया है. गगन नारंग पहले भारतीय निशानेबाज हैं, जो लंदन ओलंपिक के लिए क्वालिफाइड हुए थे. गगन नारंग ने 2012 में लंदन ओलंपिक में हुई पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में 701.1 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता था. आइए इस खिलाड़ी के जन्मदिन पर जानते हैं सफलता की कहानी.

बचपन से एयरफोर्स में बनना चाहते थे पायलट
6 मई 1983 को गगन नारंग का जन्म हुआ था. वह बचपन से ही एयरफोर्स में पायलट बनना चाहते थे. गगन के पिता भीमसेन नारंग के अनुसार गगन ने दो साल की उम्र में बलून पर पिस्टल से सीधा निशाना लगाया था, जिसके बाद उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनका बेटा शूटिंग में काफी कुछ कर सकता है. 

15 सालों तक किराए के मकान में रहना पड़ा
गगन के पिता एयर इंडिया में चीफ मैनेजर के पद पर नियुक्त थे. गगन ने भी अपने जीवन में काफी परेशानियों का सामना किया. उनके पिता को अपना घर बेचना पड़ा, ताकि वह गगन को शूटिंग के लिए राइफल दिलवा सकें. लगभग 15 सालों तक गगन और उनके परिवार को किराए के मकान में रहना पड़ा. साल 1997 से गगन ने अपनी शूटिंग की जर्नी शुरू की थी, जब उनके पिता ने उन्हें एयर पिस्टल का उपयोग करने की छूट दी थी. गगन ने इसको लेकर अभ्यास करना शुरू किया. गगन हमेशा अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं, जिनकी मदद से वह आज इस मुकाम पर पहुंच सके हैं.

बढ़ाया देश का मान 
गगन ने काफी कम समय में अपने प्रोफेशनल करियर में सफलता को हासिल कर लिया था. 2003 के एफ्रो एशियन गेम्स में गगन ने शूटिंग में जिस समय गोल्ड मेडल जीता था, उस वक्त वह सिर्फ 20 साल के थे. 2006 में गगन ने मेलबोर्न में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में अलग-अलग प्रतिस्पर्धाओ में अपने बेहतरीन प्रर्दशन से चार स्वर्ण पदक जीत कर अपने देश का गौरव बढ़ाया. 2008 में निशानेबाज गगन नारंग ने चीन में हुए वर्ल्डकप में अपना शानदार प्रर्दशन देकर स्वर्ण पदक जीता था. इसी साल गगन आईएसएसएफ वर्ल्डकप फाइनल में क्वालीफाई हुए थे. गगन ने क्वालिफिकेशन राउंड में सबसे अच्छा स्कोर बनाया था. गगन ने अंतिम राउंड में 103.5 स्कोर कर अपना कुल स्कोर 703.5 बनाया था. इसी के साथ गगन नारंग ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए थे .

बनाया था विश्व रिकॉर्ड 
वर्ष 2008 में होने वाले बीजिंग ओलंपिक में गगन नारंग ने एक उचित स्थान प्राप्त किया था, परंतु वह फाइनल राउंड में बेहतर प्रदर्शन कर पाने में कामयाब नहीं हो पाए थे. बैंकाक में होने वाले आईएसएसएफ  विश्व कप के फाइनल में गगन नारंग ने स्वर्ण पदक जीता था और जिसके परिणामस्वरूप वह एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने में सफल हुए थे. इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने गगन नारंग की रैंकिंग बढ़ा दी और वह अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी में 18 पायदान से ऊपर आकर शीर्ष निशानेबाजों में शुमार हो गए थे. गगन नारंग अंतरराष्ट्रीय खेल में सफलता हासिल करने वाले तीसरे भारतीय निशानेबाज बन गए थे.

कॉमनवेल्थ गेम्स में सफलता को एक कदम और बढ़ाया आगे
नई दिल्ली में हुए साल 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गगन ने अपनी सफलता को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए चार गोल्ड मेडल अपने नाम पर किए जिसमें 10 मीटर एयर राइफल और 50 मीटर एयर राइफल कैटेगरी शामिल थी, जिससे बाद वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए. गगन ने 2010 में ही हुए एशियाई गेम्स में रजत पदक भी जीता था.

भारत सरकार ने किया सम्मानित
29 अगस्त 2011 को गगन को खेल में शानदार योगदान देने के लिए भारत सरकार की तरफ से राजीव गांधी खेल रत्न का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इसी साल उन्हें पद्म श्री अवार्ड भी दिया गया.