
भारतीय सीनियर पुरुष क्रिकेट टीम के नए हेड कोच के नाम का ऐलान हो चुका है. राहुल द्रविड़ का कार्यकाल पूरा होने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सेक्रेट्री जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी.
शाह ने ट्वीट किया, "मुझे भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच के तौर पर गौतम गंभीर का स्वागत करते हुए बेहद खुशी हो रही हैै. आधुनिक क्रिकेट तेजी से बदल रहा है और गौतम ने इस बदलते परिदृश्य को करीब से देखा है. अपने पूरे करियर में कठिनाइयों को सहने और विभिन्न भूमिकाओं में शानदार प्रदर्शन करने के बाद, मुझे विश्वास है कि गौतम भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श व्यक्ति हैं."
It is with immense pleasure that I welcome Mr @GautamGambhir as the new Head Coach of the Indian Cricket Team. Modern-day cricket has evolved rapidly, and Gautam has witnessed this changing landscape up close. Having endured the grind and excelled in various roles throughout his… pic.twitter.com/bvXyP47kqJ
— Jay Shah (@JayShah) July 9, 2024
शाह ने अपने ट्वीट में कहा, "भारतीय टीम के लिए उनका साफ विजन और उनका विशाल अनुभव उन्हें इस रोमांचक भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाता है. बीसीसीआई इस नई यात्रा पर उनका पूरी तरह समर्थन करता है."
नई भूमिका पर क्या बोले गंभीर?
गंभीर ने कोच बनने के बाद ट्वीट किया, "भारत मेरी पहचान है और अपने देश की सेवा करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य रहा है. अलग भूमिका के बावजूद वापस आकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. लेकिन मेरा लक्ष्य वही है जो हमेशा से रहा है, हर भारतीय को गौरवान्वित करना. नीली जर्सी वाले लोगों के कंधों पर 1.4 अरब भारतीयों के सपने हैं और मैं इन सपनों को साकार करने के लिए अपनी शक्ति से सब कुछ करूंगा!"
India is my identity and serving my country has been the greatest privilege of my life. I’m honoured to be back, albeit wearing a different hat. But my goal is the same as it has always been, to make every Indian proud. The men in blue shoulder the dreams of 1.4 billion Indians… pic.twitter.com/N5YyyrhXAI
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 9, 2024
2003 में किया भारत के लिए डेब्यू
गंभीर ने 2003 में भारत के लिए अपना पहला मैच खेला था. बांग्लादेश के खिलाफ 11 अप्रैल 2003 को वनडे मैच के जरिए भारत के लिए डेब्यू करने वाले गंभीर 2007 के वनडे वर्ल्ड कप के लिए नहीं चुने गए, हालांकि कुछ महीनों बाद जब उन्हें टी20 वर्ल्ड कप 2007 में चुना गया तो उन्होंने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई.
सात मैचों में तीन अर्धशतकों के साथ 227 रन जड़कर गंभीर टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. इसके अलावा उन्होंने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 75 रन की पारी खेली. 54 गेंद की इस पारी में आठ चौके और दो छक्के शामिल रहे. चार साल बाद जब घरेलू सरजमीन पर हुए वनडे वर्ल्ड कप में गंभीर को मौका मिला तो उन्होंने वहां भी मायूस नहीं किया. श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में गंभीर 97 रन के स्कोर के साथ भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले गंभीर ने भारत के लिए 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी20 मैच खेले. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कुल 10324 रन बनाए. इसमें 20 शतक और 59 अर्धशतक शामिल रहे.
बतौर मेंटर जीत चुके हैं आईपीएल
बात करें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तो गंभीर ने दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ अपना आईपीएल शुरू किया, हालांकि अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ जीती. गंभीर ने बतौर कप्तान 2012 और 2014 में केकेआर को आईपीएल ट्रॉफी जिताई. गंभीर के पास कोचिंग का कोई अनुभव तो नहीं है, लेकिन साल 2024 में वह केकेआर के साथ बतौर मेंटर जुड़े और फ्रेंचाइजी तीसरी बार आईपीएल चैंपियन बनी.
गंभीर 2022 और 2023 में लखनऊ सुपर जायंट्स के मेंटर भी रहे, हालांकि यह फ्रेंचाइजी प्लेऑफ से आगे नहीं बढ़ सकी थी. आईपीएल 2024 खत्म होने के बाद जब गंभीर के भारतीय टीम का कोच बनने की बात चली थी तो उन्होंने अबू धाबी में एक कार्यक्रम के दौरान यह भूमिका स्वीकारने की मंशा जाहिर की थी.
द्रविड़ के हाथ से लेंगे जिम्मेदारी
गंभीर बतौर कोच द्रविड़ (Rahul Dravid) की जगह ले रहे हैं, जिन्होंने टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतकर अपने कार्यकाल का शानदार अंत किया है. कांट्रैक्ट के अनुसार गंभीर अब 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे. उनके कार्यकाल की शुरुआत श्रीलंका दौरे से होगी, जहां भारतीय टीम तीन वनडे और तीन टी20 मैच खेलेगी. बीसीसीआई ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि द्रविड़ के साथ काम करने वाले सहायक कोच विक्रम राठौड़ (बल्लेबाजी), पारस म्हाम्ब्रे (गेंदबाजी) और टी दिलीप (फील्डिंग) अपनी भूमिका में बने रहेंगे या नहीं.
गंभीर अब एक ऐसी टीम की कमान संभालने जा रहे हैं जो बीते कुछ समय में सफलता के मानक सेट कर चुकी है. भारतीय टीम ने द्रविड़ की अगुवाई में टी20 विश्व चैंपियन बनने से पहले पिछले साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे विश्व कप दोनों के फाइनल में जगह बनाई थी. साथ ही यह टीम अगले साल लगातार तीसरे डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की राह पर है. भारतीय टीम की सफलता के स्तर को इस तरह समझा जा सकता है कि द्रविड़ की अगुवाई में टीम वनडे, टेस्ट और टी20 तीनों की रैंकिंग में नंबर एक पर रही थी.
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि भारतीय टीम अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और रवींद्र जडेजा टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद इस फॉर्मैट को अलविदा कह चुके हैं. मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन जैसे कई खिलाड़ी भी अपने करियर के अंतिम छोर पर हैं. नए खिलाड़ियों को टीम में ढालना और पुरानी सफलता को बरकरार रखना गंभीर के लिए बड़ी चुनौती होगी.