भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने वर्ल्ड रैंकिंग में विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ दिया है. पिछले 36 सालों से विश्वनाथन आनंद भारत के टॉप रैंकिंग वाले चेस खिलाड़ी बने हुए हैं. डी गुकेश ने शतरंज विश्व कप के दूसरे दौर में अजरबेजान के मिसरातदिन इस्कांद्रव को हराया. इस जीत के साथ ही गुकेश ने FIDE की लाइव रेटिंग में विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ दिया. हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर FIDE रेटिंग लिस्ट आने में एक महीने का वक्त बाकी है. रेटिंग लिस्ट एक सितंबर को आनी है. लेकिन उम्मीद है कि इस रेटिंग लिस्ट में डी गुकेश सबसे ज्यादा रेटिंग वाले भारतीय खिलाड़ी के तौर पर सामने आएंगे.
गुकेश ने अजरबेजान के खिलाड़ी को हराया-
शतरंज विश्व कप में 17 साल के डी गुकेश ने मिसरातदिन इस्कांद्रोव को हराया. उन्होंने 44 चालों में अजरबेजान के खिलाड़ी को मात दी. इस जीत के साथ ही गुकेश वर्ल्ड रैंकिंग में 9 नंबर पर पहुंच गए हैं. जबकि विश्वानथन आनंद 10वें नंबर पर हैं. इंटरनेशनल चेस फेडरेशन ने सोशल मीडिया पर बताया कि गुकेश ने विश्वनाथन आनंद को लाइव रेटिंग में पीछे छोड़ दिया है.
आपको बता दें कि गुकेश की लाइव रेटिंग 2755.9 है, जबकि आनंद की रेटिंग 2754.0 है. इस तरह डी गुकेश की रेटिंग विश्वनाथन आनंद से 2.5 अंक ज्यादा है.
36 सालों से भारतीय चेस पर आनंद का कब्जा-
आनंद साल 1987 से भारत के टॉप रैंकिंग खिलाड़ी बने हुए हैं. साल 1991 में आनंद ने पहली बार वर्ल्ड रैंकिंग में जगह बनाई थी. हालांकि साल 2016 में पी. हरिकृष्णन ने आनंद को पीछे छोड़ दिया था. लेकिन वो ज्यादा दिन तक इसे बरकरार नहीं रख पाए थे. विश्वनाथन आनंद 5 बार के विश्व चैंपियन रहे हैं.
7 साल की उम्र में शुरू किया था चेस-
डी गुकेश का जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई में हुआ. उनके पिता रजनीकांत एक सर्जन हैं, जबकि उनकी मां पद्मा एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. गुकेश 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था. गुकेश के टीचर उनकी प्रतिभा के कायल थे. स्कूल के दिनों में उनकी खूब तारीफ करते थे.
वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी-
साल 2019 में डी गुकेश 12 साल 7 महीने 17 दिन में ही ग्रैंडमास्टर बन गए थे. उन्होंने देश में सबसे कम उम्र का ग्रैंडमास्टर बनने का गौरव हासिल किया. उन्होंने रमेश बाबू प्रगनानंद का रिकॉर्ड तोड़ा था. डी गुकेश लगातार रिकॉर्ड तोड़ते रहे. गुकेश वर्ल्ड चैंपियन कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी हैं. जब वो 16 साल 4 महीने 20 दिन के थे तो उन्होंने वर्ल्ड चैंपियन क 39 चालों में हरा दिया था.
कोरोना काल के बाद बदली जिदंगी-
इंडियन एक्सप्रेस की जून की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुकेश ने बताया कि लॉकडाउन से पहले मैं सिर्फ एक सामान्य ग्रैंडमास्टर था. कुछ खास नहीं था. समय-समय पर अच्छे टूर्नामेंट खेलने की वजह से मेरी रेटिंग 2550 के आसपास थी. लेकिन 2021 और 2022 के 2 साल ने मेरे करियर को बदल दिया. मैंने एक बड़ी छलांग लगाई. ये सबकुछ उस वजह से हुआ, जिसे मैंने लॉकडाउन के दौरान किया. मैं लॉकडाउन से पहले इतना सबकुछ हासिल करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था.
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