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Happy Birthday Jonty Rhodes: साउथ अफ्रीका के लिए खेलते थे हॉकी, क्रिकेट में बने सबसे बेहतरीन फिल्डर, जानिए क्रिकेट के सुपरमैन की कहानी

क्रिकेट में बेहतरीन खिलाड़ियों का जब भी नाम लिया जाएगा तो जोंटी रोड्स का नाम उसमें जरूर शामिल होगा. रोड्स जैसा फिल्डर अब तक क्रिकेट के इतिहास में पैदा नहीं हुआ है. वो पहले खिलाड़ी हैं, जिनको फिल्डिंग के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया था.

क्रिकेटर जोंटी रोड्स क्रिकेटर जोंटी रोड्स
हाइलाइट्स
  • क्रिकेट में बेतहरीन फिल्डरों में से एक हैं जोंटी रोड्स

  • रोड्स ने क्रिकेट करियर में 139 कैच लिए

मैदान पर चीते जैसी फुर्ती, बाज जैसी नजर वाले खिलाड़ी को दुनिया जोंटी रोड्स के नाम से जानती है. जोंटी ने क्रिकेट में फिल्डिंग का पैमाना ही बदल दिया. रोड्स पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनको सिर्फ फिल्डिंग के लिए मैन ऑफ द मैच मिल चुका है. मैदान पर रोड्स की चुस्ती और फुर्ती की जितनी तारीफ की जाए, कम है. जोंटी रोड्स जैसा फिल्डर अब तक क्रिकेट इतिहास में नहीं पैदा हुआ है. रोड्स की फिल्डिंग के लेवल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में 139 कैच लिया है. रोड्स ने करियर में 8467 रन भी बनाए. रोड्स को अब तक का दुनिया का सबसे बेहतरीन फिल्डर माना जाता है.

जोंटी रोड्स का बचपन-
जोंटी रोड्स का जन्म साउथ अफ्रीका में 27 जुलाई 1969 को हुआ था. उनका पूरा नाम जोनाथन नेल रोड्स है. जोंटी को घर में ही खेल का माहौल मिला. उनके पिता रग्बी खिलाड़ी और मां टेनिस खिलाड़ी रहीं. उनको बचपन में हॉकी खेलने का शौक था. वो हॉकी खेलते थे.

नेशनल हॉकी प्लेयर भी रहे रोड्स-
जोंटी रोड्स शुरुआत में हॉकी खेलते थे. हॉकी में साउथ अफ्रीका की नेशनल टीम के प्लेयर रहे. जब साल 1996 के बर्सिलोना ओलंपिक के लिए साउथ अफ्रीका की टीम चुनी गई तो उसमें जोंटी रोड्स का भी नाम था. हालांकि ओलंपिक के लिए साउथ अफ्रीका की टीम क्वालिफाई नहीं कर पाई थी. साल 1996 ओलंपिक के ट्रायल के लिए भी जोंटी रोड्स को बुलाया गया था. लेकिन चोट की वजह से वो उसमें शामिल नहीं हो सके थे. इसके बाद रोड्स ने क्रिकेट की तरफ रूख किया.

क्रिकेट में जोंटी का डेब्यू-
जोंटी रोड्स जब 22 साल के थे, तब उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. रोड्स ने अपना पहला क्रिकेट मैच भारत के खिलाफ खेला था. साल 1992 में उन्होंने अपना पहला मैच खेला था. रोड्स को 1990 के दशक में दुनिया का सबसे खतरनाक फिल्डर माना जाता था. माना जाता था कि मैदान में जिस जगह खड़े होते थे, वहां से बल्लेबाज शॉट्स खेलने से डरते थे. रोड्स ने साल 1993 में वनडे इंटरनेशनल मैच की एक पारी में सबसे ज्यादा कैच लपकने का रिकॉर्ड बनाया था.

रोड्स की यादगार फिल्डिंग-
साल 1992 वर्ल्ड कप चल रहा था. साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच मैच था. मैच के दौरान इंजमाम उल हक बैटिंग कर रहे थे. इंजमाम उल हक रन लेने के लिए दौड़े. इसी दौरान रोड्स ने चीजे की फुर्ती से गेंद को झपटा और इंजमाम उल हक को रन आउट कर दिया. इंजमाम सोच में पड़ गए कि इतनी तेजी से कोई कैसे गेंद पकड़ सकता है.

प्लेइंग XI से बाहर, मिला मैन ऑफ द मैच-
साल 1993 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में जोंटी रोड्स को प्लेइंग इवेलन में नहीं रखा गया था. साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी की और वेस्टइंडीज को 180 रन का टारेगट दिया. वेस्टइंटीज की टीम अच्छा खेल रही थी. इसी दौरान साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी डेरेन कुलीनन चोटिल हो गए. 12वें खिलाड़ी जोंटी रोड्स मैदान पर फिल्डिंग करने उतरे. लेकिन अभी खेल बाकी था. ये मैच जोंटी के लिए था. रोड्स ने इस मैच में इतिहास रच दिया. जोंटी रोड्स ने इस मैच में फिल्डिंग करते हुए वेस्टइंडीज के 5 बल्लेबाजों की आउट कर दिया. वेस्टइंडीज की पूरी टीम सिर्फ 41 रन ही बना सकी और साउथ अफ्रीका ने मैच जीत लिया. जोंटी रोड्स को उनकी फिल्डिंग के लिए मैच ऑफ द मैच चुना गया. ये शायद पहला और आखिरी मैच था जब बिना मैच खेले खिलाड़ी को मैन ऑफ द मैच मिला हो.

बेटी का नाम इंडिया रखा-
जोंटी रोड्स का भारत से गहरा लगाव रहा. उन्होंने अपनी बेटी का नाम इंडिया रखा है. साल 2015 में आईपीएल के दौरान जोंटी रोड्स मुंबई इंडियंस को कोचिंग दे रहे थे. उनका परिवार भी भारत में था. इसी दौरान मुंबई में जोंटी की पत्नी को लड़की पैदा हुई. रोड्स ने उसका नाम इंडिया रख दिया.

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