भारत की स्टार स्कवॉश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा आज यानि 15 सितंबर को 37वां जन्मदिन मना रही हैं. वैसे भारत में इस खेल की बात करें तो यह ज्यादा लोकप्रिय नहीं है. लेकिन उसे जितनी भी लोकप्रियता मिली है, उसमें देश में खेल की पोस्टर गर्ल जोशना चिनप्पा का अहम रोल रहा है.
विरासत में मिला था स्कवॉश
बता दें कि जोशना चिनप्पा का जन्म 1986 में चेन्नई में हुआ था. उनके पिता कुर्ग में कॉफी का प्लांट चलाते थे. जोशना को स्कवॉश का खेल विरासत में मिला है. उनके चचेरे दादा केएम करियप्पा आजाद भारत में देश के पहले कमांडर इन चीफ और फील्ड मार्शल रहे थे. केएम करियप्पा के अलावा जोशना के पिता और दादा भी स्कवॉश खिलाड़ी थे. उनके पिता ही जोशना के पहले कोच भी थे.
14 साल की उम्र में पहली बार सुर्खियों में आईं
अपने पिता को देखकर ही जोशना 8 साल की उम्र में रैकेट थाम लिया था. लेकिन एक साल के बाद जोशना ने बैडमिंटन और टेनिस में किसी एक गेम को चुनने का सोचा. अंत में जोशना ने स्कवॉश खेलने का ही निर्णय किया. 2000 में केवल 14 साल की उम्र में जोशना जूनियर के साथ सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर सुर्खियों में आईं थी. वो दोनों खिताब जीतने वाली देश की सबसे युवा खिलाड़ी हैं.
दमदार है रिकार्ड
अगर जोशना के रिकार्ड की बात करें तो वो 18 बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत चुकी हैं. कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्कवॉश में पहला गोल्ड मेडल दिलाने का श्रेय जोशना चिनप्पा को जाता है. दीपिका पल्लिकल के साथ मिलकर जोशना ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला डबल्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. दोनों ने 2018 में कॉमनवेल्थ में सिल्वर मेडल भी जीता था. जोशना 2005 में अंडर 19 वर्ग में ब्रिटिश जूनियर स्कवॉश चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं थीं.करियर की सबसे उच्च रैंकिंग जोशना ने साल 2016 में हासिल की थी, जब वह टॉप 10 में पहुंची थीं.
उनके पर्सनल लाइफ की बात करें तो खुद को अकसर ग्लैमर से दूर रखने वाली महिला खिलाड़यों में से जोशना नहीं हैं. जोशना कई इवेंट्स पर ग्लैमर्स लुक में नजर आती हैं. फ्री टाइम में जोशना को मूवीज और टीवी शोज देखना पसंद है.