भारत के पूर्व कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत को कौन नहीं जानता है. श्रीकांत आज 63 साल के हो गए हैं लेकिन देश-विदेश आज भी उनके बहुत से फैन हैं. श्रीकांत सबसे तेजतर्रार सलामी बल्लेबाजों में से एक थे और भारत को 1983 विश्व कप में विजयी बनाने वाले स्क्वाड का हिस्सा थे.
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष हैं और 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम को उन्होंने ही चुना था. उन्होंने भारत के लिए 43 टेस्ट और 146 वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले. कृष्णमाचारी श्रीकांत को चीका के नाम से भी जाना जाता है.
खेलते थे आक्रामक स्टाइल में
श्रीकांत दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिनके करियर में अंतर्राष्ट्रीय शतक, 5 विकेट हॉल और एक पारी में 5 कैच भी थे. अपनी आक्रामक शुरुआत शैली के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम और भारतीय घरेलू क्रिकेट में तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व किया है. वह स्टार स्पोर्ट्स तमिल के कमेंटेटर भी हैं.
श्रीकांत दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने न्यूमरोलॉजी के कारण उन्होंने अपने नाम की स्पेलिंग बदली थी. एक बार उन्होंने अपनी खुद की वेबसाइट शुरू की, जहां उन्होंने 990 रुपये में ट्यूटोरियल बेचे क्योंकि उनका मानना है कि 9 नंबर उनके लिए लकी है.
की है इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
साल 1989 में श्रीकांत ने पाकिस्तान का दौरा किया था तब वह भारतीय टीम के कप्तान थे. इसी सीरिज के दौरान सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में भारत की कप्तानी की है.
अपनी रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने 2010 में अपनी खुद की वेबसाइट, करियर स्ट्रोक्स लॉन्च की और इस पर वह कॉर्पोरेट मामलों पर लेक्चर देते हैं. बात श्रीकांत की पढ़ाई की करें तो आपको बता दें कि वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और उन्होंने गुइंडी में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी की.
वह भारत 'ए' टीम के कोच भी रहे हैं और वर्तमान में, वह कई खेल और समाचार चैनलों के साथ ब्रॉडकास्टर और कमेंटेटर के रूप में काम कर रहे हैं.