हॉकी इंडिया ने हॉकी स्टार रानी रामपाल को 250 इंटरनेशनल हॉकी के मैच पूरे होने पर बधाई दी है. रानी ने बेल्जियम के एंटवर्प में अपना 250वां मैच कर अपने करियर की एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. रानी के जीवन की संघर्ष की कहानी हमेशा से ही लोगों के लिए प्रेरणा रही है. यह एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपने परिवार की गरीबी को गौरव में बदल दिया.
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान संभालने वाली रानी को आज हर कोई जानता है. वह हर किसी के दिल पर आज राज करती हैं लेकिन, एक समय ऐसा भी था जब इनके पास दो वक्त की रोटी तक नहीं होती थी लेकिन, अगर आपके बुलंद हौसलों के आगे खुदा भी झुक जाता है.
आज भी घोड़ा गाड़ी चलाते हैं रानी रामपाल के पिता
भले ही नाम रानी हो लेकिन, बचपन से ही गरीबी और आर्थिक बदहाली देखने वाली रानी ने कभी किसी काम को छोटा नहीं समझा और यह उन्होंने अपने परिवार से ही सीखा है. रानी के पिता आज भी घोड़ गाड़ी ही चलाते हैं. उनका मानना है कि काम से कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. अपने कर्मों से लोग गरीब या अमीर होते हैं.
राष्ट्रीय टीम में सबसे कम उम्र खेलने वाली खिलाड़ी थीं रानी
12 साल से अधिक के करियर में, रानी ने पिछले साल टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान की समाप्ति सहित कई सफलताओं के लिए भारतीय टीम का नेतृत्व किया है. उन्होंने 2009 में चैंपियंस चैलेंज में 15 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया और राष्ट्रीय टीम में खेलने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं थी. हरियाणा के शाहबाद मारकंडा की रहने वाली, FIH वूमेन यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए नामांकित होने वाली वह पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं.
यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब किया था अपने नाम
उन्हें अर्जेंटीना में 2010 महिला हॉकी विश्व कप में "यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" का पुरस्कार भी दिया गया. रानी वही खिलाड़ी है, जिसकी कप्तानी में भारत ने इतिहास रचा था, क्योंकि उन्होंने 13 लंबे सालों के बाद 2017 में महिला एशिया कप जीता था. उनकी कप्तानी में , टीम ने विटैलिटी हॉकी महिला विश्व कप लंदन 2018 के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया और 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक भी जीता.
रानी को 2016 में अर्जुन पुरस्कार, साल 2019 के विश्व खेल एथलीट, साल 2019 की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी के लिए हॉकी इंडिया पुरस्कार, 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री पुरस्कार 2020 से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने टीम का नेतृत्व भी किया था. साथ ही FIH ओलंपिक क्वालीफ़ायर में अपने शानदार प्रदर्शन के साथ बैक-टू-बैक ओलंपिक खेलों में जगह बनाई, जहां उन्होंने यूएसए को हराया था.
ये भी पढ़ें :