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Champions Trophy होस्ट करना पाकिस्तान को पड़ा भारी, कंगाल हुआ पीसीबी... आंकड़ों से समझिए कितना हुआ नुकसान

पीसीबी को उम्मीद थी कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से उसके अच्छे दिन जरूर आ जाएंगे. लेकिन हुआ यह कि इस टूर्नामेंट को कराने में उसे लेने के देने पड़ गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस टूर्नामेंट की वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

PCB Chairman Mohsin Naqvi in frame PCB Chairman Mohsin Naqvi in frame

चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की जीत का जिक्र कूटनीति के बड़े बड़े मंचों पर हो रहा है. लेकिन एक पाकिस्तान है जो इस वक्त चैंपियन्स ट्रॉफी के जिक्र से चिढ़ा हुआ है. इस बार इस ट्रॉफी की मेजबानी पाकिस्तान ने की लेकिन ना उसके हाथ ट्रॉफी आई और ना ही उसको फाइनल ही नसीब हुआ. अब नई रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि चैंपियन्स ट्रॉफी की मेज़बानी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को भारी पड़ी है. 

दरअसल पीसीबी को उम्मीद थी कि चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी से उसके अच्छे दिन जरूर आ जाएंगे. लेकिन हुआ यह कि इस टूर्नामेंट को कराने में उसे लेने के देने पड़ गए हैं. बताया जा रहा है कि इस टूर्नामेंट की वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिपोर्ट की माने तो इस टूर्नामेंट की वजह से पीसीबी को करीब 738 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. 

कितना भारी पड़ी चैंपियन्स ट्रॉफी?
मेज़बान पाकिस्तान पर चैंपियन्स ट्रॉफी किस कदर भारी पड़ी इसे आंकड़ों से समझिए. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने रावलपिंडी, कराची और लाहौर के क्रिकेट स्टेडियम को अपग्रेड करने के लिए 500 करोड़ से ज्यादा खर्च किए थे. ये उसके बजट से 50 फीसदी ज्यादा था. यही नहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बाकी तैयारियों के लिए लगभग 348 करोड़ रुपए अलग से खर्च किए. यानी कुल 848 करोड़ रुपए. 

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जब टिकेट और स्पांसरशिप से कमाई की बात आई तो बोर्ड को सिर्फ 52 करोड़ की कमाई हुई. रिपोर्ट के मुताबिक अगर मोटा मोटी देखा जाए तो टूर्नामेंट में पाकिस्तान को 738 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इस नुकसान की एक बड़ी वजह यह रही कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम चैंपियन्स ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और लीग स्टेज में ही बाहर हो गई. भारत के फाइनल में पहुंचने के कारण खिताबी मुकाबले की मेजबानी भी पाक से छिन गई थी.

डोमेस्टिक खिलाड़ियों को भरना पड़ रहा हर्जाना
इस रकम को पाकिस्तानी करेन्सी में गिने तो यह करीब 24 अरब रुपए बनती है. इस घाटे का असर ये है की अब पाकिस्तानी डोमेस्टिक प्लेयर्स को मिलने वाली फीस भी कम की जा रही है. द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पीसीबी ने राष्ट्रीय टी20 चैंपियनशिप के लिए मैच फीस में 90 प्रतिशत की कटौती की है. रिजर्व खिलाड़ियों के भुगतान में भी 87.5 प्रतिशत की कटौती की गई है. 

पाकिस्तानी दैनिक समाचार पत्र द डॉन के अनुसार, "पीसीबी ने हाल ही में बिना किसी औपचारिक घोषणा के मैच फीस को 40,000 रुपए से घटाकर 10,000 कर दिया था. हालांकि पीसीबी के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने इस फैसले को पलटते हुए बोर्ड के घरेलू क्रिकेट विभाग को मामले की समीक्षा करने का निर्देश दिया." 

पीसीबी ने आधिकारिक तौर पर अपडेट की गई फीस का खुलासा नहीं किया है लेकिन रिपोर्ट का सूत्रों के हवाले से कहना है कि इसे पिछले साल की तुलना में 10,000 कम करके 30,000 प्रति मैच तय किया गया है."