
भारतीय लेग स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने जब रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गये चैंपियन्स ट्रॉफी मुकाबले में 42 रन के बदले पांच विकेट चटकाए तो उनके फैन्स को दुबई के इसी स्टेडियम पर खेला गया चार साल पुराना एक अन्य मुकाबला याद आ गया. भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2021 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप मैच में वरुण ने चार ओवर में 23 रन दिए थे लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था.
इससे पहले वरुण ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू किया था. इस मैच में उन्होंने चार ओवर में 33 रन दिए और एक भी विकेट नहीं चटका सके थे. यह टूर्नामेंट वरुण के लिए भुलाने वाला रहा था. और इसके बाद उन्हें टीम से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया था.
वरुण दो साल 11 महीने एक दिन तक टीम से बाहर रहे. लेकिन उसके बाद जब उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की तो टीम प्रबंधन उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे क्रिकेट सेटअप में भी शामिल करने के लिए मजबूर हो गया. वरुण ने अपने करियर की कायापलट कैसे की? आइए डालते हैं नज़र.
तकनीक में छोटे से बदलाव ने दी सफलता
वरुण ने सबसे पहले 2018 में क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा. वह कोलकाता नाइट राइडर्स की फ्रेंचाइजी का हिस्सा बने और आईपीएल में भी काफी वाहवाही लूटी. लेकिन 2021 टी20 वर्ल्ड कप और 2022 आईपीएल उनके लिए भुलाने वाले रहे. एक वक्त पर वह केकेआर की प्लेइंग इलेवन से भी बाहर हो गए.
इसकी वजह यह थी कि 'मिस्ट्री स्पिनर' वरुण की गेंदबाजी अपनी धार खो रही थी. उनकी कैरम बॉल और गूगली को वैसा टर्न नहीं मिल रहा था, जैसी उन्हें उम्मीद थी. जब वह ज्यादा टर्न की उम्मीद में धीमी गेंद करते तो बल्लेबाजों को तैयार होने के लिए समय मिल जाता. ऐसे में उन्होंने आईपीएल 2022 के बाद अपने कोच अलघ प्रतिभन के साथ काम करके खुद को बदलने का फैसला किया.
काफी सोच-विचार के बाद वरुण को समझ आया कि वह साइडस्पिन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनकी गेंद को ज्यादा टर्न नहीं मिल रहा. इसलिए उन्होंने ओवरस्पिन रिलीज़ का सहारा लेने का फैसला किया. साइडस्पिन और ओवरस्पिन में क्या अंतर है, यह आप इस वीडियो से समझ सकते हैं.
इस बदलाव से वरुण को सफलता भी मिलने लगी. ईएसपीएन क्रिकइन्फो के लॉग के अनुसार, अपने पहले चार आईपीएल सीज़न में वरुण 270 लेगब्रेक गेंदों से सिर्फ छह विकेट ले सके थे. लेकिन 2024 में उन्होंने 129 लेगब्रेक गेंदों से सात विकेट चटकाए. लगभग इतनी ही गुगली फेंककर उन्होंने 11 विकेट भी लिए.
वरुण ने अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 में भारत की जीत के बाद कहा था, "मैं एक साइड-स्पिन गेंदबाज हुआ करता था, लेकिन फिलहाल मैं पूरी तरह से एक ओवर-स्पिन गेंदबाज बन गया हूं. यह स्पिन गेंदबाजी का एक सूक्ष्म तकनीकी पहलू है लेकिन इसमें मुझे दो साल से ज्यादा का समय लगा."
उन्होंने कहा, "मैंने धीरे-धीरे टीएनपीएल (Tamil Nadu Premiere League) और आईपीएल (Indian Premiere League) में इसे टेस्ट किया. मुझे अपने मानसिक पहलू पर भी काम करना पड़ा. लेकिन मैंने जो कोशिश की उसका बड़ा हिस्सा तकनीकी पहलू था."
ऐसे लौटे, जैसे गए ही नहीं थे
आईपीएल 2024 में अच्छे प्रदर्शन के बाद वरुण चक्रवर्ती को नई टी20 टीम का हिस्सा बनाया गया. भारतीय टीम से बाहर होने से पहले वरुण ने छह मैचों में सिर्फ दो विकेट लिए थे. जबकि वापसी के बाद वह 12 टी20 मैचों में 31 विकेट चटका चुके हैं. उनके इसी प्रदर्शन की वजह से वरुण को वनडे टीम में तलब किया गया है. और उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिखा भी दिया कि वह खेल के इस फॉर्मैट में भी सफल होने का माद्दा रखते हैं.