26 मार्च से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) शुरू हो रहा है. यह 29 मई तक चलेगा. इसके लिए सभी खिलाड़ियों को करीब ढाई महीने तक बायो-बबल में रहना होगा. बायो बबल एक काल्पनिक क्षेत्र है, जिसमें अंदर रहने वाले लोगों का बाहरी दुनिया से बिल्कुल भी संपर्क नहीं होता है. इसमें खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम और होटल एरिया में एक बबल तय कर दिया जाता है, जिसके बाहर खिलाड़ी किसी के भी कॉन्टैक्ट में नहीं आ सकते हैं.
आईपीएल शुरू होने से लेकर खत्म होने तक किसी भी खिलाड़ी को इस बबल को तोड़ने की अनुमति नहीं होती है. हालांकि, अगर किसी को विशेष परिस्थिति में बाहर जाना है तो लौटने के दौरान पहले सात दिन क्वारनटीन होना पड़ता है. बायो-बबल को कोरोना महामारी के कारण शुरू किया गया था.
बायो बबल को इको बबल भी कहते हैं. ये एक तरह का सुरक्षित वातावरण होता है. मैच से जुड़े सभी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ इस सुरक्षित वातावरण में रहते हैं. ये एक ऐसा वातावरण हो जाता है जहां आप बाहरी दुनिया से कट जाते हैं. ये कुछ तरह से क्वारनटीन जैसा ही होता है, लेकिन इसमें सख्ती ज्यादा होती है.
प्लेयर्स के लिए कैसा रहता है माहौल
बायो-बबल में खिलाड़ियों के लिए माहौल की बात करें तो सबसे बड़ी प्राथमिकता उन्हें घर की तरह माहौल देना है, जिससे उन्हें आराम मिले और वह खेल पर भी फोकस कर सकें. बायो-बबल के अंदर हर तरह की सुविधा दी जाती है. हेल्थ को लेकर भी पूरा ध्यान रखा जाता है. खिलाड़ी अपने परिवार को भी इस बायो-बबल में शामिल कर सकते हैं.
ऑनलाइन सामान मंगाने की अनुमति
अगर खिलाड़ियों को किसी भी चीज की जरूरत है तो वह ऑनलाइन सामान मंगवा सकते हैं या वहां मौजूद स्टाफ को इस बात की जानकारी दे सकते हैं. हालांकि, सामान सीधा खिलाड़ियों के पास नहीं जाता है, बल्कि पहले उसे पूरी तरह से सैनेटाइज किया जाता है फिर उन्हें सौंपा जाता है.
मनोरंजन में कोई कमी नहीं होती
बायो-बबल में केवल खिलाड़ी ही नहीं बल्कि परिवार और बच्चे भी रह सकते हैं. ऐसे में उनके लिए मनोरंजन की पूरी व्यवस्था की जाती है. बच्चों के लिए किड्स जोन भी इसमें शामिल होता है, जहां बच्चों के लिए कई तरह के खिलौने रखे जाते हैं. वहीं, अन्य लोगों के लिए टीम रूम में टेबल टेनिस, कार्ड सेंटर आदि की व्यवस्था की जाती है.
हालांकि, कई खिलाड़ियों ने कई बार बायो-बबल को कठीन बताया है, क्योंकि उन्हें कहीं आने-जाने की अनुमति नहीं होती. बायो बबल में रहकर परिवार और दोस्तों से नियमित रूप से मिलना बहुत मुश्किल है.
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