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Fifa World Cup के लिए कतर ने रेगिस्तान में कैसे बसा दिया खूबसूरत शहर, जानिए 12 साल की मेहनत की कहानी

कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है. कतर को 2010 में फीफा की मेजबानी मिली थी. उसके बाद से कतर ने 12 साल और 17.9 लाख करोड़ खर्च करके कतर में पूरा शहर बसा कर फीफा का आयोजन किया है.

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हाइलाइट्स
  • कतर ने अमेरिका से जीती मेजबानी

  • कतर पर लगा फीफा की मेजबानी खरीदने का आरोप

इन दिनों दुनिया भर फीफा की धूम है. दुनिया के सबसे आयोजनों में से एक फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है. इस बार इसे कतर होस्ट कर रहा है. कतर से पहले कई देशों ने फीफा होस्ट किया है, लेकिन कतर की तैयारियां कुछ अलग थीं, 29 दिन के इस वर्ल्ड कप के लिए कतर में पिछले 12 सालों से तैयारियां चल रही हैं. फीफा के लिए कतर में 7 नए स्टेडियम, 100 से ज्यादा होटल, नई स्मार्ट सिटी, नया एयरपोर्ट और नई मेट्रो लाइन बनाई गई है. तो चलिए आज आपको कतर में फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी और इसकी पूरी तैयारी की कहानी सुनाते हैं. 

कतर ने अमेरिका से जीती मेजबानी
2 दिसंबर 2010 को ज्यूरिख के फीफा हेडक्वार्टर में 2018 और 2022 के वर्ल्ड कप होस्ट का ऐलान होना था. उस वक्त फीफा के प्रेसिडेंट सैप ब्लेटर ने लिफाफे से दो नाम निकाले- 2018 का मेजबान रूस और 2022 का मेजबान कतर. कतर ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, साउथ कोरिया को पीछे छोड़कर मेजबानी हासिल की थी. चौथे राउंड में सिर्फ अमेरिका और कतर बचे थे. जिसमें कतर को 14 वोट और अमेरिका को 8 वोट मिले थे. कतर को मेजबानी मिलने पर सवाल उठने लगे, क्योंकि कतर 29 लाख आबादी वाला कतर बेहद छोटा देश है. इसके अलावा कतर ने कभी फुटबॉल वर्ल्ड कप क्वालिफाई भी नहीं किया. कतर के पास ऐसे इवेंट होस्ट करने का कोई अनुभव भी नहीं था.

कतर पर लगा फीफा की मेजबानी खरीदने का आरोप
5 मई 2011 को फीफा के जनरल सेक्रेटरी के ऑफिस से एक ईमेल लीक हुआ जिसमें दावा किया गया कि कतर ने वर्ल्ड कप मेजबानी के अधिकार पैसे देकर खरीदे हैं. करप्शन के आरोप में फीफा के वाइस प्रेसिडेंट जेक वॉर्नर को सस्पेंड कर दिया गया. फीफा प्रेसिडेंट सैप ब्लेटर ने जांच कराई, जिसमें सभी आरोपों को गलत पाया गया. जून 2015 में अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने फीफा के 7 अधिकारियों को गिरफ्तार किया. दरअसल उन पर आरोप था कि उन्हें राइट्स के लिए 1200 करोड़ घूस दी गई. स्विट्जरलैंड में जांच शुरू हुई। उस वक्त के फीफा प्रेसिडेंट सैप ब्लेटर भी दायरे में आए और इस्तीफा देना पड़ा. बाद में उन पर 2027 तक फीफा से प्रतिबंध भी लगा. हालांकि इस सब के बावजूद फीफा ने होस्टिंग टाइट्स वापस लेने के कोई संकेत नहीं दिए. 2018 में रूस ने फीफा का सफल आयोजन कराया और अब कतर में भी आयोजन शुरू हो चुका है.

क्या होता है वर्ल्ड कप की मेजबानी का क्राइटेरिया?
फीफा वर्ल्ड कप होस्ट करना किसी भी देश के लिए महंगा सौदा होता है. इसके कुछ पेरामीटर्स हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी है. जिसमें पहला पैरामीटर है 40 से 80 हजार दर्शकों की क्षमता वाले कम से कम 12 फुटबॉल स्टेडियम होने चाहिए. दूसरा- टीम और रेफरी के लिए कम से कम 50 ट्रेनिंग ग्राउंड, 72 बेस कैंप होटल्स और 240 से ज्यादा होटल रूम होने चाहिए. तीसरा- जिस शहर में मैच होना है, वहां दर्शकों के लिए कम से कम 1760 से 8080 होटल रूम खाली होने चाहिए. चौथा- हर स्टेडियम के पास 1,450 पैसेंजर प्रति घंटे की क्षमता वाला एक एयरपोर्ट होना चाहिए. कतर ने 14 मई 2010 को बिडिंग डॉक्यूमेंट जमा किए जिसके आधार पर 2022 के फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी सौंपी गई. कतर ने अपने बिडिंग डॉक्यूमेंट्स में वर्ल्ड कप की तैयारियों के लिए 5.29 लाख करोड़ खर्च करने का पोटेंशियल दिखाया था.

12 साल से चल रही तैयारी 
28 दिन के वर्ल्ड कप के लिए कतर पिछले 12 साल से तैयारी कर रहा है. इस दौरान उसने करीब 17.9 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. कतर के फाइनेंस मिनिस्टर अली बिन अहमद अल-कुटी के मुताबिक सरकार ने बिड मिलने के बाद फीफा के क्राइटेरिया को पूरा करने के लिए हर हफ्ते करीब 4 सौ करोड़ खर्च किए. स्टेडियम डेवलप करने में ₹3.91 लाख करोड़ 17 नए स्टेडियम बनाए गए और 4 पुराने स्टेडियम को रेनोवेट किया गया. सुविधाएं डेवलप करने में ₹6.27 लाख करोड़ खर्च किए गए. उन शहरों को डेवलप किया है जहां वर्ल्ड कप के मैच होने वाले हैं. फैन विलेज बनाया गया. 100 से ज्यादा नए होटल बनाए गए, जिनमें फ्लोटिंग रूम भी शामिल है. लुसैल सिटी डेवलप करने में ₹3.66 लाख करोड़ स्मार्ट सिटी के तहत स्क्रैच में रीबिल्ट किया गया है. ये कतर की पहली ग्रीन सिटी है. ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती में ₹ 4.07 लाख करोड़ दोहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार किया गया. राजधानी में 8 मई 2019 में पहली मेट्रो सर्विस शुरू हुई.

कतर को इस वर्ल्ड कप से क्या हासिल होगा?
फीफा वर्ल्ड कप की ब्रॉडकास्टिंग, मार्केटिंग, लाइसेंसिंग राइट्स, टिकट सेलिंग और दूसरे इनकम से करीब 38 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई होगी. इन सभी पैसों पर पूरा कंट्रोल फीफा का होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर कतर ने क्या सोचकर इतना बड़ा दांव खेला? दरअसल कतर ने अक्टूबर 2008 में नेशनल विजन 2030 लॉन्च किया. इसके बाद से ही वो फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी के लिए उतावला था. इस मेजबान ने कतर को वो प्लेटफॉर्म दिया है, जिससे विजन 2030 पूरा करने में 4 तरीके से मदद मिलेगी.

1. ह्यूमन डेवलपमेंट
कतर ने 7 नए स्टेडियम में से एक एजुकेशन सिटी में बनाया है. पिछले पांच साल में यहां ऑक्सीजन पार्क, नेशनल लाइब्रेरी, होटल बनाए गए हैं. कतर को वर्ल्ड कप के बाद 10 लाख नई नौकरियों की उम्मीद है.

2. सोशल डेवलपमेंट
10 लाख से ज्यादा लोग वर्ल्ड कप देखने पहुंचेंगे. इतने बड़े इवेंट का सफल आयोजन करने पर दुनिया में उसका कद बढ़ेगा.

3. इकोनॉमी डेवलपमेंट 
कतर टूरिज्म को अपनी फ्यूचर इकोनॉमी के तौर पर देख रहा है. उसे उम्मीद है कि 2030 तक 75 लाख टूरिस्ट आएंगे. उसकी इकोनॉमी में 3% की ग्रोथ होगी.

4. एनवायर्नमेंटल डेवलपमेंट 
कतर ने सभी स्टेडियम एनवायरनमेंट फ्रेंडली बनाए हैं. इस वर्ल्ड कप की आड़ में एक ग्रीन सिटी भी बना चुका है. कतर वर्ल्ड कप के CEO नासिर अल खातेर के मुताबिक, 'कतर इकोनॉमी में वर्ल्ड कप के बाद करीब 1.7 लाख करोड़ आएंगे'.