
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) फीफा की तर्ज पर आगे बढ़ने की तैयारी में है. आईसीसी अपना खुद का मोबाइल क्रिकेट गेम लाने का प्लान बना रहा है. मोबाइल गेमिंग के बढ़ते मार्केट को देखते आईसीसी ने नया प्लान बनाया है. इसके तहत आईसीसी खुद गेम बनाएगी और पैसा कमाएगी. आपको बता दें कि फीफा गेमिंग से हर साल 64 हजार करोड़ की कमाई कर रहा था.
बोर्ड की बैठक में पेश हो सकता है प्लान-
माना जा रहा है कि आईसीसी की डिजिटल टीम बोर्ड की बैठक में इस प्लान को पेश कर सकती है. आपको बता दें कि जिम्बाब्वे में 10 से 13 अप्रैल तक बोर्ड की बैठक हो रही है. इस दौरान ही ये प्लान बोर्ड के सामने रखा जा सकता है. अगर इस योजना को मंजूरी मिल जाती है तो इसके बाद डेवलपर्स की तलाश शुरू की जाएगी.
भारत में क्रिकेट गेमिंग का क्रेज-
भारत में क्रिकेट काफी पॉपुलर है. फैंस में क्रिकेट को लेकर उत्साह कम नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2024 में भारत में क्रिकेट गेमिंग का मार्केट करीब 25 हजार करोड़ रुपए आंका गया था. ऐसे में आईसीसी के पास अपना गेम लाने का बढ़िया मौका है. आईसीसी अपने खुद के गेम से करोड़ों रुपए की कमाई कर सकती है.
स्पोर्ट गेमिंग का रहा है पुराना इतिहास-
स्पोर्ट गेम का इतिहास काफी पुराना रहा है. 1980 के दशक में ईए स्पोर्ट्स की 2007 क्रिकेट सीरीज और ब्रायन लारा क्रिकेट जैसे गेम कंसोल पर फेमस हुए थे. हालांकि ईए स्पोर्ट्स क्रिकेट सीरीज लाइसेंसिंग नियमों में सख्ती के चलते ज्यादा समय तक नहीं चल पाई थी.
पिछले कुछ सालों मोबाइल क्रिकेट गेम भी खूब पॉपुलर हुए हैं. अभी 100 से ज्यादा क्रिकेट गेम चल रहे हैं. लेकिन इसमें कोई भी ऑफिशियल नहीं हैं. फीफा को साल 2023 में अलग-अलग गेमों से 64 हजार करोड़ रुपए की आय हुई थी. अब आईसीसी भी इसी रास्ते में आगे बढ़ रही है.
ICC के सामने क्या है चुनौती-
आईसीसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती खिलाड़ियों के नाम, फोटो और पहचान के अधिकार हासिल करना है. आईसीसी के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमों के खिलाड़ियों के अधिकार सिर्फ टूर्नामेंट तक सीमित होते हैं. लेकिन द्विपक्षीय सीरीज, घरेलू और फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट इसके दायरे से बाहर होते हैं. अगर गेम में नेशनल टीमें, टी20 फ्रेंजाइजी या घरेलू टीमें दिखानी हैं तो आईसीसी को भारत, पाकिस्तान जैसे देशों के बोर्ड से समझौता करना होगा.
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