आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप का आगाज 5 अक्टूबर से होने वाला है. पहली बार पूरी तरह से वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में हो रहा है. साल 1975 में पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी. उसके बाद से समय के साथ कई बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी में बदलाव किया गया. हालांकि साल 1999 में एक स्थाई वर्ल्ड कप ट्रॉफी का डेब्यू हुआ था. चलिए आपको क्रिकेट इतिहास के वर्ल्ड कप में इस्तेमाल ट्रॉफी की कहानी बताते हैं.
साल 1975 से 1996 तक 4 ट्रॉफी का इस्तेमाल-
साल 1975 में पहली बार इंग्लैंड में वनडे वर्ल्ड का आयोजन किया गया था. पहले वर्ल्ड कप को प्रेूडेंशियल कप के नाम से जाना जाता था. आईसीसी विश्व कप की पहली ट्रॉफी लंदन में गैरार्ड एंड कंपनी के कारीगरों ने डिजाइन की थी. इसके बाद के 2 वर्ल्ड कप साल 1979 और 1983 में भी विजेता टीम को इसी तरह की डिजाइन की गई ट्रॉफी दी गई थी. इन तीनों वर्ल्ड कप में मुख्य स्पॉन्सर प्रूडेंशियल पीएलसी थे, जिसकी वजह से किसी तरह से डिजाइन में बदलाव नहीं हुआ. साल 1975 से साल 1996 के बीच 6 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ. जिसमें 4 अलग ट्रॉफी का इस्तेमाल किया गया था.
1999 वर्ल्ड कप में बदल गए ट्रॉफी को लेकर नियम-
साल 1996 के वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी ने एक स्थाई ट्रॉफी रखने का फैसला किया. इसके बाद साल 1999 में जो ट्रॉफी वर्ल्ड कप विजेता टीम को दी गई थी, वो आज भी मौजूद है. अब विजेता टीम को ऑरिजनल ट्रॉफी नहीं दी जाती है. ऑरिजनल ट्रॉफी की जगह रेप्लिका ट्रॉफी दी जाती है, जिसे विजेता टीम अपने साथ लेकर जाती है. क्रिकेट वर्ल्ड कप की ऑरिजनल ट्रॉफी यूएई में आईसीसी के हेडक्वार्टर में वापस ले जाया जाता है.
इस ट्रॉफी को लंदन में गैरार्ड एंड कंपनी के कारीगरों की एक टीम ने डिजाइन किया था. इसको बनाने में 2 महीने का वक्त लगा था.
कैसी है विजेता टीम को दी जाने वाली ट्रॉफी-
आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप को दी जाने वाली ट्रॉफी करीब 11 किलोग्राम की है, जो फुटबॉल वर्ल्ड कप ट्रॉफी से 5 किलोग्राम भारी है. फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी का वेट 6 किलोग्राम है. वर्तमान में क्रिकेट वर्ल्ड कप ट्रॉफी 65 सेंटीमीटर लंबी है. इस ट्रॉफी को बनाने में सोने और चांदी का इस्तेमाल किया जाता है. इस ट्रॉफी में तीन चांदी के स्ंतभों पर रखा एक सुनहरा ग्लोब होता है.
कैसे बनाई जाती है वर्ल्ड कप ट्रॉफी-
आईसीसी ने 22 अगस्त 2018 को ट्विटर हैंडल से एक वीडियो शेयर किया था. जिसमें वर्ल्ड कप ट्रॉफी को बनाने की पूरी प्रक्रिया बताई गई थी. ई लोगों की एक टीम ट्रॉफी का निर्माण करती है. ट्रॉफी का हर हिस्सा कारीगर अपने हाथ से बनाते हैं. पहले इसका डिजाइन तैयार किया जाता है. उसके बाद डिजाइन को कंप्यूटर से स्कैन कर सॉलिड स्ट्रक्चर इमेज तैयार किया जाता है. जब ट्रॉफी तैयार हो जाती है तो उसपर नक्काशी का काम किया जाता है. ट्रॉफी पर हाथ ससे नक्काशी की जाती है. ट्रॉफी के निचले हिस्से में पूर्व विजेता टीमों के नाम भी उकेरे जाते हैं.
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